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शौविक चक्रवर्ती को राहत, कोर्ट ने कहा-नहीं बनता ड्रग्स की खरीद-फरोख्त का केस

स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश जी बी गुराव ने शौविक की जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि एनडीपीएस कानून की धारा 27-ए के आरोप शौविक के मामले में लागू नहीं होते।

ड्रग्स मामले में अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के भाई शौविक चक्रवर्ती की जमानत मंजूर करते हुए मुंबई में एनडीपीएस की एक स्पेशल कोर्ट ने कहा कि उन पर ड्रग्स की खरीद-फरोख्त का आरोप नहीं बनता है। शौविक को अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट ने शौविक को बेल दी थी। 
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शौविक को धारा 27-ए समेत स्वापक औषधि और मन: प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) के कड़े प्रावधानों के तहत इस साल सितंबर में गिरफ्तार किया था। स्पेशल एनडीपीएस कोर्ट के न्यायाधीश जी बी गुराव ने शौविक की जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि एनडीपीएस कानून की धारा 27-ए के आरोप शौविक के मामले में लागू नहीं होते। 
एनडीपीएस कानून की धारा 27-ए नशीले पदाथों की तस्करी के लिए वित्तीय मदद देने और अपराधियों को पनाह देने से जुड़ी है और इसके तहत 10 से 20 साल के कड़े कारावास की सजा का प्रावधान है। न्यायाधीश ने कहा कि एनडीपीएस कानून की धारा 37 के तहत उस आरोपी की जमानत पर रिहाई के लिए कड़े प्रावधान बनाए गए हैं, जिसके खिलाफ धारा 19 या धारा 24 या धारा 27-ए के तहत मामला दर्ज किया गया हो। 

कोर्ट ने कहा, ‘‘इसके अलावा, कोर्ट को यह भी देखना होगा कि यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि आरोपी दोषी नहीं है। जैसा पहले कहा गया है कि याचिकाकर्ता (शौविक) के मामले में धारा 27 के घटक मौजूद नहीं हैं।’’ इससे पहले शौविक की जमानत याचिका दो बार खारिज की जा चुकी है।
बाद में, शौविक ने अपनी जमानत याचिका में सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया फैसले का जिक्र किया, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एनसीबी अधिकारियों के समक्ष दिए गए इकबालिया बयान पर साक्ष्य के तौर पर विचार नहीं किया जा सकता। एनडीपीएस कोर्ट ने कहा कि कोर्ट का आदेश शौविक के मामले पर लागू होता है। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट  के आदेश और तथ्यों एवं परिस्थितियों के अनुसार, मुझे लगता है कि हालात में बदलाव हुआ है।’’ 

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