छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में करीब 44 नक्सलियों ने पुलिस और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। अधिकारियों ने बताया कि, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से 43 कैडर के निचले पायदान से हैं। वहीं मेदकाम दुला प्लाटून नंबर 4 का सक्रिय सदस्य था और उस पर 2 लाख रुपये का इनाम था। सीआरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को आत्मसमर्पण करने वाले सभी 44 नक्सली किस्ताराम, भेजेजी और चिंतानलार इलाकों में सक्रिय थे। नक्सलियों का कहना है कि वे खोखली माओवादी विचारधारा से निराश हैं।
योजना के तहत 335 नक्सली कर चुकें हैं आत्मसमर्पण
पुलिस और सीआरपीएफ के समक्ष आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने बताया कि, वे लोग राज्य सरकार के नक्सल पुनर्वास कार्यक्रम से प्रभावित थे, जिसे ‘पुना नारकोम’ कहा जाता है, जिसका अर्थ है नई सुबह। सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि, राज्य में तैनात केंद्रीय बलों ने स्थानीय आबादी के लिए स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की है। राज्य में नई योजना के तहत अब तक कम से कम 335 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
नवंबर माह में भी नक्सलियों ने किया था आत्मसमर्पण
राज्य में अक्टूबर 2021 में नौ महिलाओं समेत 43 हार्डकोर नक्सलियों ने सुकमा में सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया था। ये आतंकवादी चिंतागुफा और तोंगपाल के उग्रवाद के गढ़ में सक्रिय थे और चेतना न्याय मंच जैसे माओवादी संगठनों के सदस्य थे। उनमें से एक पर 1 लाख रुपये का इनाम भी था। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने आगे दावा किया कि नक्सलियों का नेतृत्व और विचारधारा से मोहभंग हो गया था और वे मुख्यधारा में लौटना चाहते थे।