छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में मंगलवार को वाटों की गिनती की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में नई सरकार के गठन के लिए रास्ता साफ हो जाएगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 11 तारीख को सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। मतगणना के लिए 5184 गणनाकर्मी और 1500 माइक्रोऑब्जर्वर नियुक्त किये गये हैं।
प्रत्येक हॉल में मतगणना के लिए 14 मेज, रिटर्निंग ऑफिसर मेज और डाक मतपत्रों की गणना की मेज होगी। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना केन्द्रों में त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जहां प्रत्येक स्तर पर पहचान पत्र की जांच के उपरांत ही प्रवेश करने दिया जाएगा। वहीं मतगणना और सारणीकरण की समस्त प्रक्रिया की वीडियोग्राफी होगी।
कांग्रेस को 11 दिसंबर पड़ेगा भारी – भाजपा
मतगणना हॉल में प्रत्येक रिटर्निंग अफसर द्वारा सर्वप्रथम डाक मतपत्र की गिनती की जाएगी। डाक मतपत्र की गिनती प्रारंभ होने के 30 मिनट के बाद ईवीएम में दर्ज मतों की गिनती प्रारंभ की जाएगी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम में डाले गये मतों की प्रत्येक चरण में 14 मेजों पर गणना होगी।
सबसे अधिक कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में 30 चरण में गिनती होगी एवं सबसे कम मनेन्द्रगढ़ विधानसभा में 11 चरणों में मतों की गिनती होगी। अधिकारियों ने बताया कि मतगणना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 90 सीटों के लिए दो चरणों में 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान कराया गया था। जिसमें राज्य के 76.60 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है।
मंगलवार को मतगणना के साथ ही मुख्यमंत्री रमन सिंह, उनके मंत्रिमंडल के 11 सदस्यों, विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद विक्रम उसेंडी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, विपक्ष के नेता टीएस सिंहदेव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, दुर्ग लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस सांसद ताम्रध्वज साहू, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी समेत 1079 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला होगा।
एग्जिट पोल: मप्र और छत्तीसगढ़ में भाजपा- कांग्रेस में कांटे की टक्कर
छत्तीसगढ़ में विधानसभा का यह चौथा चुनाव है। इससे पहले तीन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी जीत हासिल कर पिछले 15 वर्षों से सत्ता में है। वहीं कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के मध्य ही मुकाबला होता आया है लेकिन इस बार के चुनाव में अजीत जोगी की पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। कुछ सीटों में उनकी पार्टी का दखल होने के कारण मुकाबला रोचक हो गया है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर कई समाचार चैनलों ने एग्जिट पोल कराया था। एग्जिट पोल के नतीजे मिले जुले रहे और लगभग सभी ने यहां कांटे की टक्कर की बात कही है। राज्य के 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए तथा 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
राज्य में इन आरक्षित सीटों पर बड़ी जीत के माध्यम से ही सत्ता तक पहुंचा जा सकता है। वर्ष 2013 में हुए चुनाव में भाजपा ने 49 सीटों पर जीत के साथ सरकार बनाई थी। वहीं कांग्रेस को 39 सीटों पर, बहुजन समाज पार्टी को एक सीट पर जीत मिली थी। जबकि एक सीट पर स्वतंत्र उम्मीदवार की जीत हुई थी।