पांच राज्यों में मिली चुनावी हार के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खिलाफ सुर मुखर होने लगे है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने यहां तक कह दिया कि कपिल सिब्बल को पार्टी से निकाल देना चाहिए।
सिंहदेव ने एक ट्वीट में कहा, कपिल सिब्बल का हर तरह से एक अपमानजनक बयान! इस पाठ्यक्रम सुधार में लिए जा रहे कड़े फैसलों के बीच, सीडब्ल्यूसी के संयुक्त निर्णय के खिलाफ अपनी व्यक्तिगत और अप्रिय राय सार्वजनिक करने के लिए सिब्बल को पार्टी से निष्कासित किया जाना चाहिए।
By all means an outrageous statement by Mr Kapil Sibal!
Among the tough decisions being taken in this course correction, Mr Sibal must be expelled from the party for going public with his personal and obnoxious opinion against the combined decision of CWC. pic.twitter.com/HMN6YuoYv9
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) March 17, 2022
इससे पहले मंगलवार को चांदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी ने भी उनके निष्कासन की मांग की थी। कपिल सिब्बल ने मांग की थी कि गांधियों को नेतृत्व की भूमिका से हटकर किसी और को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2014 की चुनावी हार के बाद से कांग्रेस कुछ मौकों को छोड़कर लगातार चुनाव हार गई है।
उन्होंने आगे कहा, सीडब्ल्यूसी ने पार्टी नेतृत्व में विश्वास जताया है, लेकिन सीडब्ल्यूसी से बाहर के लोगों को लगता है कि अन्यथा कई लोग पार्टी छोड़ चुके हैं और नए नेताओं को पार्टी का नेतृत्व करने का मौका दिया जाना चाहिए।
सिब्बल सोनिया गांधी को पार्टी के भीतर सुधार लाने के लिए लिखे गए पत्र के हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में से एक हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा नहीं उठाया। रविवार को सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ नेतृत्व से हटने की पेशकश की थी, जिसे सीडब्ल्यूसी ने खारिज कर दिया था।