मुख्यमंत्री बघेल ने भी रखी पूरी नजर
बता दें कि, राहुल मानसिक तौर पर कुछ कमजोर भी है, उसके बोरवेल में गिरने के बाद प्रशासन और शासन के सामने कई तरह की चुनौतियां थी, मगर एक सुनियोजित रणनीति बनाई गई। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी पूरी नजर रखी। सबसे पहले जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई। समय रहते ही ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुंचाई गई।
माना कि चुनौती बड़ी थी
हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थीरास्ते अगर चट्टानी थे
तो इरादे हमारे फौलादी थेसभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।
वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है। pic.twitter.com/auL9ZMoBP7
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022
कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फसे राहुल पर नजर रखने के लिए उनका मनोबल बढ़ाया जा रहा था। उसे जूस, केला और अन्य खाद्य सामग्रियां भी दी जा रही थी। विशेष कैमरे से पल-पल की निगरानी रखने के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही थी।
बच्चे को बाहर निकालने के लिए कुल मिलाकर 105 घंटे तक राहत और बचाव दल ने धैर्य से काम लिया, बता दें कि, राहुल तक पहुंचने के लिए समानांतर एक सुरंग बनाई गई, कई बार चट्टानें बाधा बनी मगर राहत और बचाव दल ने अपने कौशल का परिचय देते हुए हर चट्टान को काटा। आखिरकार बच्चे तक पहुंचने में कामयाबी मिली और अब बच्चा बिलासपुर के अस्पताल में इलाजरत है।
सीएम बघेल ने किया ट्वीट
हमारा बच्चा बहुत बहादुर है।
उसके साथ गढ्ढे में 104 घंटे तक एक सांप और मेढक उसके साथी थे।
आज पूरा छत्तीसगढ़ उत्सव मना रहा है, जल्द अस्पताल से पूरी तरह ठीक होकर लौटे, हम सब कामना करते हैं।
इस ऑपरेशन में शामिल सभी टीम को पुनः बधाई एवं धन्यवाद। pic.twitter.com/JejmhL7PBj
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022