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छत्तीसगढ़ : 98 लाख टन धान खरीद कर बघेल सरकार ने रचा कीर्तिमान, पिछले वर्ष दिसंबर में शुरू हुआ था अभियान

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीद के मामले में नया कीर्तिमान बनाया है

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने समर्थन मूल्य पर धान खरीद के मामले में नया कीर्तिमान बनाया है। सरकार ने इस बार बीते सालों से कहीं ज्यादा धान की खरीदी की है। धान खरीदी के लक्ष्य के करीब पहुंचते हुए लगभग 98 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी धान की खरीदी हुई है। राज्य सरकार की ओर उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते है कि सोमवार केा धान खरीदी का क्रम पूरा हो गया। इस साल समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर अपने पिछले साल के रिकार्ड को ब्रेक करते हुए एक नया रिकार्ड कायम किया है। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का महाअभियान सोमवार तक चला। 
बारिश होने के बावजूद भी हासिल की कामयाबी 
राज्य में इस साल 21 लाख 77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20 लाख 53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है। धान खरीदी के दौरान बारदाना संकट और जनवरी माह में बेमौसम बारिश मुसीबत बनकर आई उसके बावजूद भी धान खरीदी के लक्ष्य करीब पहुॅचने में कामयाबी मिली। वैसे धान खरीदी 31 जनवरी तक होना थी लेकिन इसे सात फरवरी तक के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बढ़ा दिया था। उल्लेखनीय है कि राज्य में धान खरीदी लगातार बढ़ रही है। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। 
खरीद केंद्नो की सरकार ने बढ़ाई है संख्या 
इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था जिनके द्वारा धान को 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर में बोया गया, जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में दो लाख 18 हजार हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। सरकार ने किसानो को बेहतर सुविधा मुहैया करने के मकसद से धान खरीदी केन्द्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी। जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई। किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया।
धान के एवज में किया जा चुका है भुगतान 
सरकार ने इस साल किसानों से क्रय किए गए धान के एवज में उन्हें 19 हजार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है। खाद्य सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से जारी है। अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है।

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