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मुख्यमंत्री शिवराज ने मध्यप्रदेश में आदिवासी जननायक टंट्या भील का इतिहास पढाये जाने को कहा

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश में आदिवासी जननायक टंट्या भील का इतिहास पढ़या जाएगा।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि प्रदेश में आदिवासी जननायक टंट्या भील का इतिहास पढ़या जाएगा। श्री चौहान ने टंट्या भील की जन्मस्थली खंडवा जिले के पंधाना के बड़दा अहीर से‘क्रांति सूर्य गौरव कलश यात्रा’को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये यात्रा विभिन्न स्थानों से होते हुए आगामी चार दिसंबर को इंदौर जिले के पातालपानी में समाप्त होगी।
सरकार टंट्या भील के इतिहास के बारे में पढ़एगी
इस दौरान श्री चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि देश में इतिहास कभी सही नहीं पढ़या गया। हमेशा बताया गया कि देश को आजादी महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी ने दिलाई। उन्होंने कहा कि देश को कभी भी टंट्या भील, बिरसा मुंडा, भीमा नायक और रघुनाथ शाह जैसे नायकों के बारे में नहीं पढ़या गया। कांग्रेस ने गलत इतिहास पढ़ने की गलती की। इसी दौरान उन्होंने घोषणा की कि मध्यप्रदेश सरकार टंट्या भील के इतिहास के बारे में पढ़एगी।
 एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासी यूनिवर्सिटी भी बनाई तो उसका नाम भी इंदिरा गांधी के नाम पर ही रखा। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की इन ऐतिहासिक भूलों को सुधार रही है। अपने संबोधन के दौरान श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार बैकलॉग के पदों पर भर्ती का अभियान चलाएगी। अगले एक साल में एक लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी। यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए श्री चौहान ने कहा कि टंट्या भील के जन्मस्थल की माटी से भरे कलश गांव गांव जाएंगे। इस यात्रा के दौरान किसी नेता का स्वागत नहीं होगा। यात्रा में केवल टंट्या भील के वंशजों का स्वागत होगा। उन्होंने चार दिसंबर को बड़ संख्या में लोगों से टंट््या भील के शहादतस्थल पातालपानी पहुंचने की अपील की।

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