महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को एक बार फिर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) पर सवाल खड़े किए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीसीए लागू होने पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य में एनआरसी नहीं है और इसे लागू नहीं किया जाएगा।
सीएए के समर्थन में बोलते हुए उन्होंने कहा, सीएए और एनआरसी दोनों अलग हैं और एनपीआर अलग है। सीसीए लागू होने पर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य में एनआरसी नहीं है और इसे लागू नहीं किया जाएगा। यदि लागू किया जाता है तो यह न केवल हिंदू या मुस्लिम बल्कि आदिवासियों को भी प्रभावित करेगा।
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केंद्र ने एनआरसी पर अभी चर्चा नहीं की है। एनपीआर एक जनगणना है, और मुझे नहीं लगता कि कोई भी प्रभावित होगा क्योंकि यह हर दस साल में होता है। गौरतलब है की नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष लगतार केंद्र की मोदी सरकार को घेरने में लगा हुआ है।
दिल्ली के शाहीन बाग में भी सीएए को लेकर पिछले दो महीनों से धरना प्रदर्शन जारी है। धरने पर बैठे प्रदर्शनकारी लगातार मोदी सरकार से सीएए वापस लिए जाने की मांग कर रहे है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएए को लेकर बैकफुट पर जाने से साफ इंकार कर दिया है।