पटना : देश में पांच राज्य के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद देश की बड़ी एवं छोटी पार्टियों को सबक लेने की जरूरत है। नरेन्द्र मोदी भगवान को भी बांटने में भी कोई कसर नहीं छोड़ा। भारतीय जनता पार्टी को गंगा बराबर क्यों बुलाती है कोसी और बलान क्यों नहीं बुलाती? ये बातें जाप के संरक्षक सह मधेपुरा के सांसद पप्पू यादव अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। श्री यादव ने कहा कि देश में जिस तरह भारतीय जनता पार्टी लोगों के बीच नफरत और फूट डालना चाहती थी लेकिन देश की जनता शांति का जीवन जीना चाहती है इसलिए भाजपा को जनता ने सबक सिखाने का काम किया।
गिरिराज सिंह, आदित्यनाथ योगी, सुब्रमण्यम स्वामी एवं अश्विनी कुमार चौबे जैसे लोग जहां भी वहां मानवता का तार-तार होना पड़ेगा। इससे देश पर खतरा मंडराना स्वाभाविक है। एससी-एसटी आरक्षण के नाम पर लोगों में नफरत फैलाना, कभी नीतीश कुमार को डीएनए तो उपेन्द्र कुशवाहा को डीएनए की बात कहकर जनता को बरगलाने का काम किया। इससे जनता नाखुश हुई। भारतीय जनता पार्टी में बाबाओ और ढोंगी संगतों में जिस प्रकार की प्रवृति आयी है उससे आने वाले दिनों में भाजपा को भारत से भाजपामुक्त नहीं होना पड़ जाये।
नरेन्द्र मोदी के साढ़े चार साल के शासनकाल में रिजर्ब बैंक, न्यायालय, सीबीआई चारों तरफ संकट ही संकट है। इनके शासन में किसान, युवा, शिक्षा, रोजगार सब चौपट है। एक तरफ जीएसटी से व्यापारी बर्बाद हो गये तो दूसरी तरफ नोटबंदी से व्यापारी आबाद हो गये। इनकी सरकार छत्तीसगढ़ में दलित-आदिवासियों को 15 साल नक्सलियों को मरवाया। जिसके कारण छत्तीसगढ़ से भाजपा को विदा होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार देश में भावी प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे मगर वे अपने विचार और मूल सिद्धांत से भटक गये और अंतत: आने वाला चुनाव में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बनना लोहे की चना चबाने जैसा ही होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा कि आपका प्रशांत किशोर अर्जुन के रूप में है मगर पैसा के बल पर शिक्षा में गंदगी नहीं फैलाये। पटना विश्वविद्यालय के चुनाव में प्रशांत किशोर ने जात-पात एवं नफरत फैलाकर तथा रुपया बांटकर चुनाव जितना बड़ी बात नहीं है।