भोपाल : बाहर रहकर पढ़ाई करने वाले बच्चों को दोतरफा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें पढ़ाई का खर्च तो उठाना ही पड़ता है और जिन कमरों में वे रहते हैं, उनका किराया भी देना पड़ता है। हमने उन बच्चों की बातें सुनी हैं। अब बाहर रहकर पढ़ने वाले भांजे-भांजियों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, उनके कमरों का किराया उनके माता-पिता को नहीं देना होगा। कमरों का किराया उनका मामा भरेगा। यह घोषणा जनआशीर्वाद यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव में आयोजित सभा में की।
मुख्यमंत्री ने यहां 1.89 करोड़ रुपए से बनने वाले सरोवर का भूमिपूजन भी किया। चौहान को छिंदवाड़ा से हेलीकॉप्टर द्वारा बटकाखापा जाना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण उनका हेलीकॉप्टर बटकाखापा में नहीं उतर सका। इसके बाद मुख्यमंत्री जुन्नारदेव पहुंचे, लेकिन मौसम के कारण यहां भी हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका।
आखिरकार मुख्यमंत्री को वापस छिंदवाड़ा जाना पड़ा। मुख्यमंत्री ने बटकाखापा के लोगों को फोन पर ही संबोधित करते हुए कहा कि भले ही खराब मौसम ने मुझे आपके पास तक नहीं आने दिया, लेकिन मैं दिल से आपके साथ हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे प्रदेश के लोगों की जिंदगी बदलने के लिए आपका समर्थन और आशीर्वाद चाहिए। इसके बाद रिमझिम बारिश के बीच इकलेरा पहुंचे मुख्यमंत्री चौहान ने एक जगह रुककर चाय पी और चाय वाले को आवाज देकर बुलाया।
पहले उसका नाम पूछा और फिर कहा कि तुमने चाय अच्छी बनाई है, तुम्हारा नाम संबल योजना में लिखा जाएगा।इधर छिंदवाड़ा में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमने गरीबों के उत्थान के लिए संबल योजना बनाई, लेकिन कांग्रेस के लोगों को यह भी रास नहीं आ रहा है। इसीलिए कांग्रेसी नेता संबल योजना रोकने के लिए कोर्ट में पहुंच गए। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने पहले डंपर घोटाला, फिर व्यापमं घोटाला को लेकर मेरे और मेरे परिवार पर अनर्गल आरोप लगाए।