रुद्रप्रयाग : केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को गति देने के लिए अब अमेरिका में निर्मित सीएच-47 एफ चिनूक मालवाहक हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी। यह कदम रूस में निर्मित एमआइ-26 मालवाहक हेलीकॉप्टर उपलब्ध न हो पाने के कारण उठाया जा रहा है, जिसका वर्तमान में सर्विसिंग का कार्य चल रहा है। पीएमओ से हरी झंडी मिलते ही वायु सेना का यह अत्याधुनिक चिनूक हेलीकॉप्टर केदारनाथ भारी मशीनें पहुंचाने का कार्य शुरू कर देगा।
केदारनाथ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत पुनर्निर्माण कार्य चल रहे हैं, जो कि अब अंतिम चरण में हैं। आद्य शंकराचार्य की समाधि की खुदाई का कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है। इन सभी कार्यों को गति देने के लिए वर्ष 2015 में एमआइ-26 मालवाहक हेलीकॉप्टर से डंफर, जेसीबी व पोकलैंड मशीन केदारनाथ पहुंचाई गई थीं। लेकिन, जिस गति से इन दिनों केदारनाथ में आद्य शंकरचार्य की समाधि समेत अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं, उन्हें अंजाम तक पहुंचाने के लिए भारी मशीनों को होना जरूरी है।
इसी को देखते हुए प्रशासन लगातार पीएमओ से एमआइ-26 हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने की मांग कर रहा था। लेकिन, बताया जा रहा कि देश में सिर्फ तीन ही एमआइ-26 हेलीकॉप्टर हैं। इनमें से भी सिर्फ एक ही नियमित कार्य कर रहा है, जिसकी इन दिनों सर्विसिंग चल रही है। ऐसे में उसका उपलब्ध हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में हाल ही में अमेरिका से भारत पहुंचे सीएस-47एफ चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से केदारनाथ में भारी मशीनें पहुंचाने की तैयारी है।
अमेरिका से भारत को 15 चिनूक हेलीकॉप्टर मिलने हैं, जिनमें से चार हाल ही में भारत पहुंच चुके हैं। यह हेलीकॉप्टर 11 टन भारी वजन उठा सकता है। जबकि, केदारनाथ पहुंचाए जाने वाले डंफर का वजन छह से आठ टन है। इसके अलावा जेसीबी व पोकलैंड मशीनों को दो से तीन हिस्सों में बांटकर केदारनाथ पहुंचाया जाएगा।