देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता को लेकर बहस जारी है। इसी बीच चीफ जस्टिफ ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने गोवा के यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) की तारीफ की है। साथ ही उन्होंने लोगों को यहां आकर इसके बारे में जानने के लिए कहा है। बोबडे ने शनिवार को गोवा में बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। उन्होंने दावा किया कि यहां जारी यूनिफॉर्म सिविल कोड वैसा ही है, जैसा संविधान बनाने वालों ने इसकी कल्पना की थी।
सीजेआई ने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कहा ‘गोवा में वही है, जिसकी कल्पना संविधान बनाने वालों ने भारत के लिए की थी और मुझे इस कोड के तहत न्याय देने का सौभाग्य मिला। यह शादियों और उत्तराधिकार पर लागू होता है, धार्मिक प्रतिबद्धता के बावजूद यह सभी गोवावासियों को शासित करता है। बोबडे ने कहा है कि उन्होंने यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर बहुत बहस सुनी है। सीजेआई ने कहा कि मैं उन सभी बुद्धिजीवियों से अनुरोध करूंगा कि वे यहां आए और देखें कि यह होता क्या है।
जस्टिस बोबडे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त होने से पहले बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ के पीठासीन जज थे। उन्होंने कहा कि भारत में, अगर कोई भी बेंच है जो आपको सर्वोच्च न्यायालय के रूप में विभिन्न प्रकार के अनुभव और चुनौतियां देती है, तो यह केवल गोवा में संविधान पीठ है।
उन्होंने कहा कि जब आप गोवा में संविधान पीठ पर बैठते हैं, तो आप भूमि अधिग्रहण मामले की सुनवाई कर सकते हैं। धारा 302, जनहित याचिका, प्रशासनिक कानून, आयकर, बिक्री कर और उत्पाद शुल्क की सुनवाई भी करनी पड़ सकती है। गोवा को देश के बाकी हिस्सों की तुलना में बाद में आजाद हुआ था, लेकिन इसके बारे में सबसे अलग बात यह थी कि यह “पूरी तरह से रक्तहीन था। ना कोई गोली चली, ना ही कोई लाश उठानी पड़ी।