शिवसेना के बागी विधायक सदा सरवणकर ने रविवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान कथित तौर पर गोली चला दी, जिसके बाद पुलिस ने सरवणकर, उनके बेटे और कुछ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, माहिम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सरवणकर ने गोलीबारी से इनकार किया और दावा किया कि उनके प्रतिद्वंद्वी उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया तो वह उनका सहयोग करेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस ने शिवसेना के ठाकरे खेमे के पांच कार्यकर्ताओं को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि मध्य मुंबई के प्रभादेवी इलाके में शनिवार की आधी रात के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए और कुछ देर बाद दादर थाने के बाहर भी हाथापाई हो गई, जहां सरवणकर ने गोलियां चला दीं।
शिंदे खेमे का हिस्सा हैं सरवणकर
उन्होंने कहा कि दोनों गुटों ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसके बाद दोनों पक्षों के 10 से 20 सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस के मुताबिक, घटना न्यू प्रभादेवी इलाके में दोपहर करीब साढ़े बारह बजे हुई, जिसमें शिवसेना के पदाधिकारी संतोष तलवणे पर महेश सावंत और 30 अन्य लोगों ने कथित तौर पर हमला कर दिया। तलवणे शिंदे खेमे का हिस्सा हैं, जबकि महेश सावंत पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले समूह से हैं।
दंगे भी शुरू
दादर थाने के बाहर दोनों खेमों के कार्यकर्ता फिर आमने-सामने आ गए। एक पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि वहां मौजूद विधायक सरवणकर ने गोली चला दी। अधिकारी ने बताया कि उसके बाद विधायक, उनके बेटों समाधान सरवणकर, तलवणे और अन्य पर शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। उन्होंने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की अन्य संबंधित धाराओं और दंगा करने का भी आरोप लगाया गया है।
देर रात तक दो गुटों में हाथापाई
पुलिस उपायुक्त प्रणय अशोक ने कहा, ‘दादर में देर रात दो गुटों के बीच हाथापाई हुई। पहले प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब दंगा और आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत एक और प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि संतोष तलवणे की शिकायत के आधार पर दादर पुलिस ने महेश सावंत सहित शिवसेना के पांच कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया और बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।