बीते दिन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समिति सदस्यों को खुश कर दिया है। सीएम बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत 2 करोड़ 92 लाख रुपये की राशि ऑनलाइन ट्रांस्फर कर दिए। सीएम निवास कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम से राशि मिलते हुए लाभार्थियों के चेहरे में खुशी की लहर दौड़ गई।
जिसके बाद आज छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को कहा कि कोरोना महामारी के मुश्किल समय में राज्य सरकार की ‘गोधन न्याय योजना’ किसानों एवं पशुपालकों के लिए बहुत मददगार रही और इससे प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। यहां जारी आधिकारिक बयान के मुताबिक, इस योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री बघेल द्वारा की गई थी जिसके तहत किसानों और पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गोबर की खरीद की जाती है।
बघेल का बयान
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘‘इस एक योजना के माध्यम से कई लक्ष्य एक साथ प्राप्त किए गए हैं। ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ ही पशुपालकों की समस्याएं भी हल हुई हैं।’’राज्य सरकार के बयान में ‘गोधन योजना’ से हुए लोगों को हुए लाभ के कुछ उदाहरण भी दिए गए गए हैं।
बयान में कहा गया है, ‘‘कोरोना काल में स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई में रुकावट आई तो छत्तीसगढ़ के एक किसान ने गोबर बेचकर लैपटॉप खरीदा ताकि बच्चे ऑनलाइन क्लास के जरिये अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। वहीं, किसी ने गोठान से कमाई कर नर्सिंग की फीस अदा की, तो किसी ने घर बनवाया और किसी ने गिरवी जमीन छुड़वाई
क्या हैं गोधन न्याय योजना
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालको से ख़रीदे जाने वाला गाय का गोबर का इस्तेमाल वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने में किया जायेगा। सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के जरिेए किसानों और पशु पालन करने वाले लोगों की आय में तो वृद्धि होगी। राज्य में किसानो और पशु पालन करने वालों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।