छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को कालीचरण महाराज पर निशाना साधते हुए लोगों को समाज में नफरत फैलाने वालों से सावधान किया।महात्मा गांधी के खिलाफ टिप्पणी को लेकर कालीचरण महाराज की गिरफ्तारी का उल्लेख करते हुए बघेल ने कहा कि रवींद्र नाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी महान हस्तियां भी गांधी की प्रशंसक थी। बघेल ने कहा कि टैगोर ने गांधी को महात्मा कहा जबकि वैचारिक मतभेद के बावजूद बोस ने 1944 में रंगून से रेडियो पर अपने संबोधन में गांधी को राष्ट्रपिता कहा।
मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित ‘गांधी हमारे अभिमान’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं। बघेल ने कहा ” और ये टटपूंजिये लोग गांधी को राष्ट्रपिता मानने से इंकार करते हैं। तुम हो कौन? क्या तुम सुभाष बाबू से भी बड़े हो? क्या ये लोग टैगोर को नहीं मानते? ” उन्होंने कालीचरण को गालीचरण के तौर पर संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने कहा ” कुछ लोग हैं जो समाज को घृणा से भर देना चाहते हैं। नफरत की फसल उगाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। आज कोरोना महामारी के कारण लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोगों को आर्थिक रूप से संबल बनाने की जरूरत है न कि धर्मांधता में लड़ाई करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने दावा किया कि विनायक दामोदर सावरकर ने ‘देश के विभाजन की नींव रखी’ जबकि मुहम्मद अली जिन्ना ने इसे बढ़ावा दिया।कार्यक्रम के दौरान बघेल ने वहां मौजूद लोगों को समाज में नफरत और हिंसा का जहर फैलाने वालों के खिलाफ लड़ने और उन्हें कभी सफल नहीं होने देने का संकल्प दिलाया। रायपुर पुलिस ने पड़ोसी मध्य प्रदेश से कालीचरण महाराज को महात्मा गांधी को लेकर उनकी कथित अपमानजक टिप्पणी के लिए बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। कालीचरण को बृहस्पतिवार शाम स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे दो दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
रायपुर के रावणभाठा मैदान में रविवार की शाम दो दिवसीय धर्म संसद के समापन के दौरान कालीचरण ने राष्ट्रपिता के खिलाफ कथित अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। बाद में कांग्रेस नेताओं की शिकायत पर पुलिस ने कालीचरण के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।