उत्तराखंड में काफी गहमागहमी के बाद मुख्यमंत्री को बदलने का निर्णय लिया गया। इसके बाद पुष्कर सिंह धामी को सूबे का नया मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ नए मुख्यमंत्री का संबंध बेहत बना रहे, इसके लिए कुछ जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता थी, जो अब उठाए गए है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छह जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) नियुक्त किए हैं, जिनमें से तीन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके आनुषांगिक संगठनों के साथ समन्वय का काम सौंपा गया है। ये नियुक्तियां छह अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से की गईं।
तीन जनसंपर्क अधिकारियों (पीआरओ) – भजराम पंवार, गौरव सिंह और राजेश सेठी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषांगिक के साथ समन्वय का काम सौंपा गया है। आदेश में कहा गया है कि पंवार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास स्थित उनके शिविर कार्यालय से, सिंह सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय से और सेठी मुख्यमंत्री के विधानसभा शिविर कार्यालय से संघ पदाधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
उनका काम संघ और उनके आनुषांगिक संगठनों के लिए समय आरक्षित करना और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों से निपटना होगा। आरएसएस के सूत्रों ने यहां कहा कि संगठन के लिए काम कर चुके अधिकारियों के सीएमओ में होने से संघ द्वारा उठाई गई समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
अन्य तीन पीआरओ- प्रमोद जोशी, नंदन सिंह बिष्ट और मुलायम सिंह रावत भी पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं। जोशी और बिष्ट मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मामलों को देखेंगे जबकि रावत आम लोगों की शिकायतों और सुझावों को देखेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छह जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) नियुक्त किए हैं, जिनमें से तीन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसके आनुषांगिक संगठनों के साथ समन्वय का काम सौंपा गया है। ये नियुक्तियां छह अगस्त को अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद बर्धन द्वारा जारी एक आदेश के माध्यम से की गईं।
तीन जनसंपर्क अधिकारियों (पीआरओ) – भजराम पंवार, गौरव सिंह और राजेश सेठी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके आनुषांगिक के साथ समन्वय का काम सौंपा गया है। आदेश में कहा गया है कि पंवार मुख्यमंत्री के सरकारी आवास स्थित उनके शिविर कार्यालय से, सिंह सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय से और सेठी मुख्यमंत्री के विधानसभा शिविर कार्यालय से संघ पदाधिकारियों के साथ समन्वय करेंगे।
उनका काम संघ और उनके आनुषांगिक संगठनों के लिए समय आरक्षित करना और उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों से निपटना होगा। आरएसएस के सूत्रों ने यहां कहा कि संगठन के लिए काम कर चुके अधिकारियों के सीएमओ में होने से संघ द्वारा उठाई गई समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
अन्य तीन पीआरओ- प्रमोद जोशी, नंदन सिंह बिष्ट और मुलायम सिंह रावत भी पूर्व में भाजपा से जुड़े रहे हैं। जोशी और बिष्ट मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित मामलों को देखेंगे जबकि रावत आम लोगों की शिकायतों और सुझावों को देखेंगे।