महाराष्ट्र में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से वहां के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त है। निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है। लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिवरो में शरण ले रहा है। वहीं प्रशासन भी बाढ़ की स्थिति को लेकर मुस्तैद है। NDRF की टीम लगातार लोगों को राहत पहुंचाने का काम कर रही है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने अन्य राज्य मंत्रियों के साथ एक हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से कोल्हापुर, सांगली और सतारा में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री फड़नवीस ने बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए कोल्हापुर में शिवाजी नगर क्षेत्र का दौरा किया।
सीएम ने आज कोल्हापुर में कल्याणी हॉल में रहने वाले बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मुलाकात की। महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के बीरवाड़ी और असनकोली के गांवों में और सांगली और कोहलापुर जिलों के मउजे दिगराज, हरीपुर और नांद्रे गांवों में बचाव अभियान चलाया गया।
रेजीडेंट डॉक्टरों ने बाढ़ को देखते हुए हड़ताल की स्थगित
वहीं महाराष्ट्र के रेजीडेंट डॉक्टरों ने भारी बारिश के बाद बाढ़ आने के मद्देनजर आंदोलन स्थगित कर दिया और कहा कि वे नहीं चाहते कि मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़े। वे अपने भत्तों में वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) ने अपना विरोध प्रदर्शन बुधवार को यहां आजाद मैदान में शुरू किया था।
उन्होंने पहले कहा था कि राज्य के 16 मेडिकल कॉलेजों के 4,000 रेजीडेंट डॉक्टर गुरुवार से हड़ताल में हिस्सा लेंगे। लेकिन राज्य में बाढ़ की भयावहता को देखते हुए उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया। एमएआरडी ने एक बयान में बताया कि बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए वह नहीं चाहते कि उनके आंदोलन की वजह से मरीजों को परेशानी हो। उन्होंने मानवता का हवाला देते हुए अगले नोटिस तक हड़ताल स्थगित कर दी।