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मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले- व्यक्ति केंद्रित सत्ता प्रजातंत्र को नुकसान पहुंचाती है

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भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि जब भी सत्ता व्यक्ति केंद्रित होती है, प्रजातंत्र को नुकसान पहुंचता है। इसमें सामूहिकता का बोध होना चाहिए। पिछले माह की 17 तारीख को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने अपने ब्लाग में लिखा है कि पक्ष, प्रतिपक्ष और जनता, सबका दायित्व प्रजातंत्र ने निर्धारित किया है। हमारी मान्यता है कि सरकार ठीक काम करे, इसके लिए प्रतिपक्ष मजबूत और जिम्मेदार होना चाहिए।

नवगठित पंद्रहवीं विधानसभा के पहले सत्र के तीसरे दिन अपने ब्लाग में श्री कमलनाथ ने लिखा है‘मैं ये साफ़ कर देना चाहता हूँ कि हमारी लड़ई प्रतिपक्ष के खिलाफ़ नहीं है। हम सब मिलकर मध्यप्रदेश की आर्थिक बदहाली, कुपोषण, अपराध, घटते रोत्रगार के अवसर और कम होते औद्योगिक निवेश के खिलाफ़ लड़ई लड़गे और कामयाब होंगे। हमारी प्राथमिकता में नागरिकों का स्वास्थ्य, शिक्षा और अधोसरंचना भी है।‘ राज्य के समक्ष चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए श्री कमलनाथ ने कहा कि हमारे अन्नदाता भाइयों को कठिनाइयों से उबारना है।

कर्ज माफ़ स्थाई समाधान नहीं है। उनकी बहुत बड़ी अपेक्षाएँ नहीं हैं। वो सिर्फ़ अपनी फ़सलों के दाम चाहते हैं, ये हमें सुनिश्चित करना होगा। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि‘‘सत्र के दौरान अपने अभिभाषण में राज्यपाल महोदया ने‘हम सबकी सरकार कैसे प्रदेश का भविष्य सँवारेगी’इस पर प्रकाश डाला है। मैं ये मानता हूँ कि हमारे सामने आर्थिक संदर्भों में कई चुनौतियाँ हैं, मगर चुनौतियों को अवसर में बदलने का नाम ही मध्यप्रदेश है। हम इस कठोर डगर पर सधे हुए कदमों से चलेंगे। श्री कमलनाथ ने कहा कि हम जानते हैं कि बीते 15 वर्ष के इतिहास की गलतियों से सबक नहीं लेंगे, तो भविष्य हमें माफ़ नहीं करेगा। हमारी मान्यता है कि किये हुए काम अपना प्रचार खुद करते हैं, इसलिए हम सिर्फ़ कोरी घोषणाओं से बचें और अपना सारा ध्यान काम पर लगाएँ।

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के नागरिकों ने नई सरकार को बदलाव के लिये चुना है। ये बदलाव सुशासन के लिये है। बीते एक माह से कम समय में ही बदलाव की पदचाप सुनाई देने लगी है। हम सरकार में से‘मैं और मेरी’हटाकर‘हमारी सरकार’की भावना स्थापित करना चाहते हैं। अब हर नागरिक गर्व से कह सकता है,‘मैं भी सरकार हूँ‘। हम सही मायने में सत्ता की कमान प्रदेश के नागरिकों को सौंपना चाहते हैं। श्री कमलनाथ ने लिखा है कि भारतीय सनातन संस्कृति से बेटियाँ देवियों का स्वरूप हैं। उनसे प्रेरणा ली गई है। उन्हें हम प्रताड़ति नहीं होने देंगे और उनके सशक्तिकरण के लिए कदम उठा रहे हैं। उनके ससुराल जाने के वक्त 51 हजार रूपए देकर पिता का फ़र्ज निभा रहे हैं। बेटियाँ खुशी मनाती हैं, तो तरक्की मुस्कुराती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश का उज्जवल भविष्य युवाओं में निहित है। अगर उनको अवसर प्रदान किये जाएंगे, तो हम तरक्की की पायदान चढ़ते जाएंगे। ये तब ही संभव है जब मध्यप्रदेश में निवेश हो और वो सिर्फ़ बड़ आयोजनों से आकर्षित नहीं होगा। बड़ा कदम उठाने की जरूरत है। लालफीताशाही खत्म कर लाल कारपेट बिछाने होंगे। मुख्यमंत्री ने गायों के संरक्षण के संबंध में कहा कि गौ माता के लिए गौ शाला हो, भगवान राम का वनगमन पथ या नर्मदा जैसी शास्त्रीय नदियों की अविरलता हो, हम अपने वचनपत्र के प्रति पूरी प्रतिबद्धता से काम करेंगे। हम गर्व से कह सकते हैं कि मध्यप्रदेश देश का वो राज्य है, जहाँ सबसे ज्यादा आदिवासी भाई रहते हैं और प्रदेश के विकास में भरपूर साथ देते हैं। अब बारी हमारी है उनका साथ निभाने की, उनकी खुशियाँ उन्हें लौटाने की। उन्होंने कहा कि हम अनुसूचित जाति, सामान्य वर्ग, हर वर्ग के हाथों में लेकर हाथ चलेंगे। हम सब साथ साथ करेंगे‘सिर्फ़ और सिर्फ़ सुशासन के लिए बदलाव की बात।

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