मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच विधानसभा का बजट सत्र सोमवार सुबह 11 बजे प्रारंभ हो चुका है। बजट सत्र राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के साथ प्रारंभ हुआ। बजट सत्र में ‘फ्लोर टेस्ट’ को लेकर जबरदस्त हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल को चिट्टी लिखकर कहा कि फ्लोर टेस्ट नहीं कराया जा सकता।
कमलनाथ ने चिट्ठी में लिखा, 14 मार्च 2020 को जब मैंने आपसे मुलाकात की थी तब मैंने आपको अवगत कराया था कि बीजेपी द्वारा कांग्रेस के कई विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है। बंदी बनाए गए विधायकों को विभिन्न प्रकार के बयान देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में फ्लोर टेस्ट कराए जाने का कोई औचित्य नहीं बनता। यदि ऐसा होता है तो यह पूर्ण रूप से असवैंधानिक और अलोकतांत्रिक होगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार देर रात राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। राजभवन से देर रात करीब 12 बज कर 20 मिनट पर बाहर आते हुए कमलनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि राज्यपाल ने उन्हें चर्चा के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही सुचारू रूप से संचालित की जाए। इसलिए मैंने उनसे कहा कि मैं सोमवार सुबह इस बारे में स्पीकर से बात करूंगा।’’
राज्यपाल के निर्देशानुसार सदन में शक्ति परीक्षण सोमवार को कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पीकर कोई फैसला लेंगे। उन्होंने बताया कि वह पहले ही राज्यपाल को लिखित में दे चुके हैं कि उनकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है। लेकिन ‘बंधक’ बनाए गए विधायकों को पहले छोड़ा जाना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि उसके 22 विधायकों को बीजेपी ने बंधक बना कर रखा है। इन विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था। स्पीकर एन पी प्रजापति ने इनमें से छह विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।