कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को कहा कि जनता दल (सेकुलर)-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के पास विधानसभा में बहुमत है और वह विश्वास मत साबित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। विधानसभा के 10 दिवसीय मॉनसून सत्र के शुरू होने के साथ ही कुमारस्वामी ने राज्य विधानसभा के अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार से कहा, ‘मेरी सरकार के पास बहुमत है, मैं विश्वास मत साबित करने के लिए तैयार हूं। मेरा आप से निवेदन है कि इस बाबत एक तिथि और समय तय करें।’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा अवसर है कि मुझे कहना ही होगा कि मैं तभी मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकता हूं जब मुझे सदन का विश्वास हासिल हो। इस पृष्ठभूमि में मैं इस स्थान पर बैठकर अपने पद का दुरुपयोग नहीं करना चाहता।’’ उन्होंने कहा कि उन्होंने ‘‘स्वेच्छा’’ से विश्वासमत हासिल करने का फैसला किया है।
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कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘कुछ विधायकों के कदम के चलते मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम की वजह से यह भ्रम पैदा हुआ है। मैं हर परिस्थिति के लिए तैयार हूं और मैं यहां सत्ता से चिपके रहने के लिए नहीं हूं।’’ सत्तारूढ़ गठबंधन के पास विधानसभा अध्यक्ष के अलावा 116 (कांग्रेस – 78, जदएस – 37 और बसपा – एक) विधायकों का समर्थन है।
हालांकि, सोमवार को मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दो निर्दलीय विधायकों को मिलाकर बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना चाहिए। अगर उन 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है तो गठबंधन का आंकड़ा 100 हो जाएगा।
इस घटनाक्रम पर बीजेपी नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री के. एस. ईश्वरप्पा ने कहा कि शुक्रवार का सत्र दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के लिए था लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने विश्वासमत के बारे में बोला। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। उन्हें सोचना होगा कि श्रद्धांजलि देने की प्रक्रिया के बीच विश्वासमत हासिल करने की बात करना कैसे न्यायोचित है।’’