प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पेट्रोल-डीजल को लेकर राज्यों से की गयी अपील पर सियासत गर्म हो चली है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री के बयान को एकतरफा बताते हुए कहा, उनकी सरकार पिछले तीन साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को काबू में रखने के लिए 1,500 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत पूरी तरह से एकतरफा और भ्रामक थी। उन्होंने जो तथ्य दिए वे गलत थे। हम पिछले तीन वर्षों से हर लीटर पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रहे हैं। जिसके लिए हमने 1,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
उन्होंने दावा किया कि बैठक में मुख्यमंत्रियों को बोलने नहीं दिया गया इसलिए वे लोग प्रधानमंत्री के बयान का जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल और घरेलू गैस की बढ़ती कीमतों का मामला राज्यों पर छोड़ दिया गया। कहा गया कि राज्यों को कीमतों में कमी करनी होगी। राज्य इसे कैसे करेंगे? आपने कीमतें बढ़ा दीं। क्या आपने अपनी आय देखी? आप लोगों से एकतरफा बातें करके भ्रम फैला रहे हैं।
बकाया मिलते ही पेट्रोल-डीजल पर देंगे सब्सिडी
ममता बनर्जी ने कहा कि हमारी सरकार को 1.5 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। आपने इस पर कुछ नहीं कहा। आप पर हमारा 97,000 करोड़ रुपये बकाया है। अभी भारत सरकार पेट्रोल पर पश्चिम बंगाल सरकार की तुलना में 25% अधिक टैक्स लगा रही है। सरकार के बकाया चुकाते ही हम पेट्रोल और डीजल पर 3000 करोड़ रुपए की सब्सिडी देंगे। मुझे सब्सिडी देने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन मैं अपनी सरकार कैसे चलाऊंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने (पीएम) 5 बीजेपी शासित राज्यों की सराहना की और आप उन्हें बहुत पैसा देते हैं। उन्हें बहुत सारी योजनाओं के लिए हमसे ज्यादा पैसा दिया जाता है। आप उन्हें 50 ज्यादा देते हैं, इसलिए उनके लिए 4,000-5,000 करोड़ रुपये छोड़ना बड़ी बात नहीं है। आप उन्हें 40,000 करोड़ देते हैं।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना स्थित को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान पीएम मोदी ने महाराष्ट्र, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्षी राज्यों से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की अपील की थी, ताकि जनता को महंगाई से कुछ राहत मिल सके।