गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि महादयी मुद्दे पर कोई समझौता नहीं होगा और उनकी सरकार नदी के बहाव को मोड़ने से रोकने के लिए काम कर रही है।बता दें कि गोवा और पड़ोसी राज्य कर्नाटक के बीच कई वर्षों से नदी के पानी के बंटवारे को लेकर विवाद है। कर्नाटक द्वारा महादयी की सहायक नदियों कलसा और बंडुरी पर बांध के निर्माण के जरिए उसके बहाव का रुख अपनी तरफ मोड़ने की योजना को लेकर गोवा और कर्नाटक में विवाद गहरा गया है।
सुप्रीम कोर्ट में गोवा का कानूनी पक्ष मजबूत
गोवा में विपक्षी दलों ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री सावंत का इस्तीफा मांगा। शाह ने कहा था कि कर्नाटक और गोवा के बीच महादयी नदी जल विवाद को सुलझा लिया गया है।सावंत ने सोमवार को यहां पत्रकारों से कहा कि इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय में गोवा का कानूनी पक्ष मजबूत है।उन्होंने कहा, ‘‘ इस पर कोई समझौता नहीं होगा और सरकार महादयी नदी के बहाव को मोड़ने से रोकने के लिए काम कर रही है।’’
कर्नाटक को दिया महादयी नदी का पानी
कर्नाटक के बेलगावी में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ‘जन संकल्प यात्रा’ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा था, ‘‘मैं आपको बताना चाहता हूं कि भाजपा ने दोनों राज्यों के बीच लंबे समय से जारी विवाद को सुलझाकर कर्नाटक को महादयी नदी का पानी दिया, जिससे यहां के कई जिलों के किसानों का लाभ सुनिश्चित हुआ है।’’इस बयान को लेकर विपक्षी दलों ने भाजपा नीत सरकार की आलोचना की है।कांग्रेस, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री सावंत के इस्तीफे की मांग की है।