गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा है कि कर्नाटक के साथ महादयी नदी के पानी के बंटवारे को लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित होने के बावजूद नदी से कुछ मात्रा में पानी को मोड़ा गया है। सावंत ने यह भी कहा कि हाल में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा नदी के पानी के मुद्दे पर कर्नाटक को लिखा गया पत्र कानूनी रूप से मायने नहीं रखता है क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
जावड़ेकर ने पिछले सप्ताह कर्नाटक को पत्र लिखकर कहा था कि महादयी नदी पर उसकी काल्सा भांडुरी पेयजल परियोजना के लिए पर्यावरण मंजूरी जरूरी नहीं है। महादयी नदी के पानी की हिस्सेदारी को लेकर गोवा और कर्नाटक के बीच विवाद है और गोवा ने काल्सा भांडुरी परियोजना का विरोध किया है।
सावंत ने मंगलवार को दूरदर्शन को एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हमें मानना होगा कि महादयी नदी से कुछ मात्रा में पानी को मोड़ा गया है। हम इससे इनकार नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा कि गोवा ने अंतर राज्यीय जल विवाद न्यायाधिकरण के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसके तहत कर्नाटक को कुछ मात्रा में पानी को मोड़ने की अनुमति दी गयी।