मध्य प्रदेश के इंदौर में स्वास्थ्यकर्मियों पर हुए हमले मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए इस घटना को अक्षम्य बताया है। बता दें कि इंदौर में बीते बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की एक टीम रानीपुरा क्षेत्र में बीमार महिला के हेल्थ चेकअप के लिए गई थी, तभी कुछ स्थानीय लोगों ने टीम पर पथराव कर दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार की घटना को बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा, ”यह माफी के योग्य बिल्कुल भी नहीं है।” उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस घटना में शामिल लोगों गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि खुद को जोखिम में डालते हुए डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ अपने घर-परिवार की चिंता छोड़कर कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं। ऐसे में किन्हीं तत्वों द्वारा उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस घटना के परिप्रेक्ष्य में पुलिस महानिदेशक को दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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उन्होंने नागरिकों से भी आग्रह किया कि वे ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ से पूरा सहयोग करें। शिवराज चौहान ने विभिन्न समुदायों के प्रमुखों एवं धर्मगुरुओं से अपील की कि वे मानव समाज को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने में अपना नेतृत्व और सहयोग प्रदान करें।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि समाज के सभी वर्गों के सक्रिय सहयोग से हम कोरोना पर विजय प्राप्त करेंगे। इस मामले में इंदौर पुलिस ने गुरुवार को सात लोगों को गिरफ्तार किया। जिला प्रशासन ने इनमें से चार लोगों- मोहम्मद मुस्तफा (28), मोहम्मद गुलरेज (32), शोएब (36) और मजीद (48) को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत रीवा के केंद्रीय जेल भेजने के आदेश दिए हैं।