देश में कोरोना वायरस महामारी ने बता दिया कि देश का स्वास्थ्य ढांचा कितना मजबूत है। महामारी ने देश के सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की सारी पोल खोल कर रख दी और मरीज ऑक्सीनजन तक के लिए तरस-तरस कर मर गए। इसी हालात को सुधारने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रदेश राज्य में एक नई पहल शुरू की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कैंसर, ब्लेक फंगस जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं के निर्माण के प्रोत्साहित करने के लिए नई फार्मा नीति बनाई जाएगी। गंभीर बीमारियों की सस्ती लेकिन अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार उच्च गुणवत्ता की दवाएँ बनाना हमारी प्राथमिकता होगी।
चौहान आज रेवा क्योर लाईफ साइंसेस कंपनी जबलपुर द्वारा ब्लेक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक दवा एम्फोरेवा-बी इंजेक्शन के निर्माण का वर्चुअल शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबलपुर में कम समय में ब्लेक फंगस के उपचार के लिए आवश्यक एम्फोरेवा-बी का उत्पादन आरंभ होना प्रदेश के लिए आनंद, संतोष और गौरव की बात है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी इस अवसर उपस्थित थे। आयुक्त जबलपुर संभाग वी। चंद्रशेखर, राज्य कोविड क्राइसिस मेनेजमेंट कमेटी के सदास्य डॉ। जीतेन्द, जामदार सहित रेवा क्योर सांइसेस के संस्थापक डॉ। राजीव सक्सेना और डॉ। नीति भारद्वाज जबलपुर से वर्चुअली जुड़ थे। चौहान ने कहा कि कैंसर और लंग्स-किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर और आर्थिक रूप से कमर तोड़ देने वाली बीमारियों में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार नीति बनाने पर विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि ब्लेक फंगस से निपटने के लिए इस इंजेक्शन का उत्पादन प्रदेश को आत्म-निर्भर बनाने की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। रेवा क्योर साइंसेस कंपनी के नाम के साथ रेवा शब्द जोड़ना कंपनी के अपनी जड़ के साथ जुड़ रहने का प्रतीक है। यह इकाई एंटी कैंसर इंजेक्शन का निर्माण करने वाली मध्यप्रदेश की एक मात्र फार्मा कंपनी है। आधुनिक नैनो टेक्नोलॉजी आधारित इंजेक्शन का उत्पादन और कंपनी का डब्ल्यू.एच.ओ। और यूरोपियन जी.एम.पी। से सर्टीफाइड होना प्रदेश के लिए गौरव की बात है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रेवा क्योर के संस्थापकों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।
चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्म-निर्भर भारत के निर्माण का मंत्र दिया गया है। इस दिशा में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए रोडमेप विकसित किया गया है। इस रोडमेप में स्वास्थ्य के लिये अधो-संरचना को सुदृढ़ करना शामिल है।
प्रदेश ने कोविड के महासंकट में पीड़ित मानवता के असीम कष्टों को देखा है। परन्तु अब स्थिति नियंत्रण में है। कल हुए 75 हजार टेस्ट में से मात्र 35 पॉजीटिव आए हैं। एक्टिव केस अब केवल 800 हैं। तीसरी लहर की आशंका सर्वत्र व्याप्त है। प्रदेश में संक्रमण को नियंत्रण में रखने के लिए टेसि्टंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट और किल-कोरोना अभियान लगातार जारी रहेगा।