अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि सहकारिता में सब समस्याओं का समाधान है। सहकारी भाव, यदि सभी में आ जाए, तो लड़ाई-झगड़ा सब खुद ही समाप्त हो जाएंगे। आधिकारिक जानकारी के मुअतबिक सीएम चौहान ने सहकारिता दिवस पर आयोजित ‘सहकारिता के माध्यम से बेहतर पुनर्निर्माण’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे कोदो कुटकी की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है।
इसके साथ हम अपनी जड़ी-बूटियों, औषधियों, वनोपज की पैकेजिंग और ग्रेडिंग करके नया इतिहास रच सकते हैं। उन्होंने कहा यह सब सहकारिता से ही संभव हो पाएंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कई क्षेत्रों में हम सहकारिता आंदोलन के माध्यम से काम कर सकते हैं। टूरिज्म का मतलब केवल चकाचौंध नहीं है। ग्रामीण टूरिज्म निश्चित तौर पर आकर्षित करता है। वाइल्ड लाइफ टूरिज्म में भी काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र की अपार संभावनाओं का दोहन करके लोगों को रोजगार से जोड़ जाए। नई ताकत, नई ऊर्जा से नई कल्पना से, आखिर शून्य से ही सृष्टि शुरू होती है। विचार कीजिए, लक्ष्य बनाइए, रोडमैप तैयार कीजिए।
सीएम चौहान ने कहा कि मैं नहीं, सहकारिता ‘हम’ का भाव है। सहकारिता का भाव, गांव का उत्तम उदाहरण है। गांव में किसी परिवार की बेटी की शादी होती थी, तो वह पूरे गांव की बेटी होती थी। सब मिलकर उस विवाह में योगदान देते थे। उन्होंने कहा कि मालवा फेस नाम से एक संतरों का ब्रांड बनाया था। किसान संतरा बेचेगा। नीमच का लहसून, बुरहानपुर के केले, अमरकंटक की औषधि, अलग-अलग जगह इतनी चीजें हैं, हम कुटीर उद्योगों का जाल बिछा सकते हैं।