कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए राष्ट्रव्यवापी लॉकडाउन के तीसरे चरण के समाप्त होने से दो दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और उससे निपटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में शुक्रवार को बैठक की।
इस बैठक में गृह मंत्री अनिल देशमुख, जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे सहित कई मंत्री बैठक में मौजूद थे। यह बैठक करीब दो घंटे तक चली। आधिकारिक बयान के अनुसार राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की गठबंधन सरकार के प्रमुख ठाकरे ने कहा,‘‘लॉकडाउन की स्थिति, राज्य की अगले चरण की योजनाओं और कुछ हिस्सों में आर्थिक गतिविधयां बहाल करने’’ के संबंध में समीक्षा बैठक हुई।
लॉकडाउन में केंद्र प्रवासी मजदूरों की मदद में जुटा, लेकिन कांग्रेस, तृणमूल राजनीति कर रहीं : भाजपा
सरकार ने बयान में बताया कि 65,000 उद्योगों को शुरू करने की अनुमति दी गई है, जबकि 35,000 उद्योगों ने काम शुरू भी कर दिया है और करीब नौ लाख मजदूर काम पर लौट आए हैं। बयान में बताया गया कि जहां प्रवासी मजदूर अपने घर लौट रहे हैं, वहीं उद्योगों की सहायता के लिए श्रम ब्यूरो काम कर रहा है। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल के अलावा सभी प्रवासी मजदूरों को ट्रेनों से उनके राज्य भेजा जा रहा है।
सरकार ने कहा, ‘‘ बैठक में स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पद भरने और जरूरी चिकित्सीय उपकरणों का इंतजाम करने पर चर्चा की गई।’’ उसने कहा, ‘‘ उन इलाकों पर चर्चा की गई जहां प्रतिबंधों में ढील दी जा सकती हैं और निषिद्ध क्षेत्रों तथा रेड जोन में प्रतिबंधों का पालन कराने पर भी बात हुई।’’
पवार ने बैठक में कहा कि संकट ग्रस्त गन्ना उद्योग की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी पत्र लिखा गया है। महाराष्ट्र सरकार ने मुम्बई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद और मालेगांव में 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की इच्छा जाहिर की है। राज्य में कारोना वायरस के सबसे अधिक मामले यहीं हैं।