महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर राजनीतिक सुविधा के अनुसार हिंदुत्व का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ रहकर अपने 25 साल बर्बाद कर दिए है। शिवसेना प्रमुख ने इन आरोपों पर बीजेपी की ओर से प्रतिक्रिया सामने आई है।
बीजेपी नेता राम कदम ने कहा कि हिंदुत्व पर व्याख्यान देने से पहले, उद्धव ठाकरे को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या शिवसेना दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा का पालन कर रही है, जिन्होंने कहा था कि राजनीति और जीवन में उनकी पार्टी कभी भी कांग्रेस में शामिल नहीं होगी, और अगर ऐसी परिस्थितियां आती हैं, तो वह शिवसेना को ताला लगाना पसंद करेंगे।
शिवसेना को BJP के साथ आने के बारे में सोचना चाहिए : केंद्रीय मंत्री
महाराष्ट्र CM के बयान पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा, बीजेपी ने हिंदुत्व के साथ ‘सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास’ की भूमिका भी निभाई है। बीजेपी ने हिंदुत्व नहीं छोड़ा है बल्कि मुझे लगता है कि शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ा है। उन्हें दोबारा बीजेपी के साथ आने के बारे में सोचना चाहिए।
उद्धव के बयान को राउत का समर्थन
बीजेपी के साथ गठबंधन में 25 साल बर्बाद होने वाले उद्धव के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ये सही है, ये सिर्फ शिवसेना के साथ नहीं हुआ बल्कि जो भी बीजेपी के साथ चला गया था उन सभी का यही हाल हुआ था, सभी को उनकी कीमत चुकानी पड़ी।
बीजेपी का अवसरवादी हिंदुत्व बस सत्ता के लिए
दरअसल, रविवार को शिवसेना संस्थापक और अपने पिता बाल ठाकरे की 96 वीं जयंती पर शिवसैनिकों को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने सत्ता के माध्यम से हिंदुत्व के एजेंडे को आगे लेने के जाने के लिए बीजेपी से हाथ मिलाया था।
उद्धव ने कहा, ‘‘शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठजोड़ किया था क्योंकि वह हिंदुत्व के लिए सत्ता चाहती थी। शिवसेना ने सत्ता की खातिर कभी हिंदुत्व का इस्तेमाल नहीं किया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने हिंदुत्व को नहीं बल्कि बीजेपी को छोड़ दिया। मैं मानता हूं कि बीजेपी का अवसरवादी हिंदुत्व बस सत्ता के लिए है।’’
2019 में BJP से अलग होकर शिवसेना ने बनाई सरकार
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में जो 25 साल निकाले वह ‘बर्बाद’ चले गए। गौरतलब है कि शिवसेना 2019 के महाराष्ट्र चुनाव के बाद बीजेपी से अलग हो चुकी है और उसने एनसीपी एवं कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास अघाड़ी सरकार बना ली थी।