महाराष्ट्र सरकार राज्य में फिर से स्कूल और धार्मिक स्थलों को खोलने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को ऐलान करते हुए किया कि हम सभी एहतियाती कदम उठाते हुए दिवाली के बाद स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों को भी खोलने पर भी तभी विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री उद्धव ने कहा, ‘हम सभी एहतियाती कदम उठाते हुए दिवाली बाद स्कूल फिर से खोलेन पर विचार कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों को भी खोलने की मंजूरी दी जाएगी।’ प्रदूषण और कोरोना के संबंध पर बोलते हुए उद्धव ने कहा, ‘प्रदूषण से कोरोना का असर बढ़ सकता हे। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे पटाखे और अतिशबाजी चलाने की जगह मिट्टी के दीये जलाएं। दिवाली के बाद 15 दिन अहम होंगे, हमें सावधान रहना होगा ताकि फिर से लॉकडाउन लगाने की नौबत न आए।’
उन्होंने कहा, दिवाली से पहले हमने लगभग सबकुछ शुरू कर दिया है। अब भीड़ दिखने लगी है, लेकिन अब भी सावधानी बरतने की जरूरत है। मुंबई, पुणे में पहले लगातार मामले बढ़ रहे थे, पर अब मामले कम हो रहे हैं। लेकिन जब मुंबई और महाराष्ट्र में मामले कम हो रहे हैं, ठीक इसी समय दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है? मुझे जो जानकारी मिली है, उसके अनुसार दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा है।
उन्होंने कहा, “अगर इससे नागरिकों के अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा सुनिश्चित होती है, तो मैं आलोचना झेलने के लिए तैयार हूं। पूजा स्थलों पर भीड़ से बचने और शारीरिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए काम किया जाएगा और दिवाली के बाद एक मानक संचालन प्रक्रिया का मसौदा तैयार किया जाएगा।”
ठाकरे ने कहा कि पूजा स्थलों पर मास्क पहनना अनिवार्य होगा। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे फोड़ने से बचने की भी अपील की। उन्होंने कहा, “मैं इस पर प्रतिबंध लागू नहीं करना चाहता। हमें एक-दूसरे पर विश्वास और भरोसा रखना चाहिए।”
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों की वृद्धि में प्रदूषण को कारण बताए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ”हमें पटाखे फोड़ने पर आत्म नियंत्रण और संयम रखना चाहिए, जिससे प्रदूषण बढ़ेगा। दिवाली के चार दिनों के उत्सव के दौरान प्रदूषण फैलाकर महामारी के खिलाफ नौ महीने से चली आ रही कड़ी मेहनत को बर्बाद न करें।’’