केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राज्य में प्रदर्शनों में एसडीपीआई जैसे चरमपंथी संगठनों के सदस्यों की घुसपैठ के खिलाफ सोमवार को आगाह किया और कहा कि वामपंथी सरकार समाज में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की किसी कोशिश को सफल नहीं होने देगी।
इस्लामी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) पर जमकर बरसते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे “चरमपंथी” संगठन लोगों को बांटने की और प्रदर्शनों की आड़ में कुछ स्थानों पर कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए कहा कि पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों ने कई स्थानों पर हिंसा और अवैध गतिविधियों में संलिप्तता के लिए ऐसे संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है।
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विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण और कानून के अनुरूप प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ एक भी मामला नहीं दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि दक्षिणी राज्य में नागरिकता कानून के खिलाफ असाधारण प्रदर्शन हुए और इनमें से ज्यादातर प्रदर्शनों का आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से किया गया।
उन्होंने कहा, “लेकिन हमारे राज्य में एसडीपीआई नामक एक समूह है जो चरमपंथी तरीके से सोचता है। सरकार के संज्ञान में आया है कि एसडीपीआई के सदस्य कई स्थानों पर प्रदर्शनों में घुसने और मुद्दों को भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।” विजयन ने कहा कि वे न सिर्फ हिंसा में शामिल हो रहे हैं बल्कि लोगों को बांटने और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की भी कोशिश कर रहे हैं।