देहरादून : राज्य में पंचायत चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। आयोग ने स्पष्ट किया है कि शहरी निकायों और हरिद्वार जिले में आचार संहिता लागू नहीं रहेगी। अलबत्ता, ग्रामीण इलाकों के लोगों पर असर छोड़ने वाले कोई भी काम चुनाव के समय नहीं हो सकेंगे। वहीं, आपदा प्रभावित इलाकों में आदर्श आचार संहिता से छूट रहेगी। राज्य निर्वाचन आयोग से आचार संहिता की शर्तें भी जारी की गई हैं।
स्पष्ट किया गया है कि मतगणना की समाप्ति तक आचार संहिता प्रभावी रहेगी। केंद्र और राज्य के मंत्रियों को उत्तराखंड में कहीं भी दौरे पर राज्य अतिथि का दर्जा नहीं दिया जाएगा। सभी आयोगों के गैर सरकारी अध्यक्ष और दूसरे पदाधिकारियों पर भी यही शर्त लागू होगी। राज्य के मंत्री अपने दौरे संपन्न कर सकेंगे, लेकिन मंत्री इस बात का ध्यान रखेंगे कि उनके सरकारी दौरे चुनाव से नहीं जुड़ रहे हों।
इसके साथ ही आचार संहिता के दौरान ग्रामीण मतदाताओं को प्रभावित करने वाली कोई भी नहीं घोषणा नहीं होगी। इस दौरान विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण तक नहीं होगा। यह भी बताया गया है कि पंचायत चुनाव के दौरान नए शस्त्र लाइसेंस नहीं दिए जाएंगे।
साथ ही चुनाव से प्रभावित इलाकों में विवेकाधीन कोष जारी नहीं होगा। भर्ती की विज्ञप्ति और नई नियुक्ति भी नहीं हो सकेगी। पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार में प्लास्टिक, पॉलीथिन का प्रयोग न करने का शपथ पत्र देना होगा। साथ ही विवाहित महिला को विवाह से पूर्व की जाति के अनुसार ही आरक्षण का लाभ दिया जाएगा। ग्राम पंचायत सदस्य के लिए 10 हजार रुपये, ग्राम प्रधान के लिए 50 हजार, बीडीसी सदस्य के लिए 50 हजार रुपये और जिला पंचायत सदस्य के लिए 1.40 लाख रुपये तक खर्च की सीमा रहेगी।