देहरादून : राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में शासन के उच्च अधिकारियों एवं उत्तराखण्ड के समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ त्रैमासिक समीक्षा बैठक की। राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सख्त निर्देश दिए कि परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्चात छात्रों को अंक तालिका तत्काल व प्रमाण पत्र एक माह के भीतर अनिवार्य रूप से उपलब्ध करवाया जाय।
इसके लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय व महाविद्यालय द्वारा अनिवार्य रूप से विद्यार्थियों को डिजिटल लाकर्स के माध्यम से जिसमें प्रमाण-पत्र, अंक-तालिका व डिग्री उपलब्ध करायी जाए। राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों को स्पष्ट निर्देश दिए कि समीक्षा बैठक के सभी प्रकरणों पर एक्शन टेकन रिपोर्ट एक माह के भीतर राजभवन को भेजी जाय।
अगली बैठक में विश्वविद्यालयों द्वारा की गई सभी कार्यवाहियों का आब्जेक्टिव एसेसमेन्ट किया जाएगा। तकनीकी शिक्षा व पाॅलिटेक्निक संस्थानों में कुल क्षमता के 60-65 प्रतिशत ही दाखिले होने पर चिन्ता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने तकनीकी शिक्षा व पाॅलिटेक्निक संस्थानों में अधिक सीटों की अपेक्षा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। बताया गया कि राज्य में तकनीकी व पाॅलिटेक्नीक संस्थानों में कुल 18000 सीटें हैं। इनमें से कुल 2200 सीटें सरकारी क्षेत्र के संस्थानों की है।
निजी काॅलेजो की 10500 सीटें भरी गई है। राज्यपाल ने कहा कि ऐसे काॅलेजों की कड़ाई से जांच की जाय जो मानक पूरे न होने पर भी सम्बद्धता प्राप्त कर लेते हैं। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के अधिकार क्षेत्र के कालेजो को हे.न.ब. गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर से असम्बद्ध किये जाने के मुद्दे पर राज्यपाल ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मानकों के अनुसार संबद्धता की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के अन्तर्गत सभी महाविद्यालयों और विद्यालयों के संचालन, प्रबंधन एवं अन्य मुद्दों के संबंध में उच्च शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में सचिव शिक्षा एवं सचिव संस्कृत शिक्षा की कमेटी बनाने के निर्देश दिए गए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव राज्यपाल रमेश कुमार सुधांशु, विधि सलाहकार राज्यपाल कहकशां खान, सचिव वित अमित सिंह नेगी, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव इंदुधर बौड़ाई सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी एवं सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।