गोवा में एक समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले पर विपक्ष के दबाव के बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत राज्य विधानसभा में की गई उस टिप्पणी के लिए आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि माता-पिता को यह आत्ममंथन करने की जरूरत है कि उनके बच्चे रात में इतनी देर तक समुद्र तट पर क्यों थे।
24 जुलाई की रात को दक्षिण गोवा के लोकप्रिय कोलवा बीच पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार की घटना समाने आई थी।इसके बाद से ही विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है। इस गंभीर मामले में प्रमोद सावंत की इस टिप्पणी ने उन्हें और ज्यादा परेशानी में डाल दिया है। विपक्ष उनके बयान के बाद से लगातार उनपर निशाना साध रहा है।
सावंत ने सदन में ध्यानाकर्षण नोटिस पर एक चर्चा के दौरान बुधवार को कहा था कि जब 14 साल के बच्चे पूरी रात समुद्र तट पर रहते हैं तो माता-पिता को आत्ममंथन करने की जरूरत है। हम सिर्फ इसलिए ही सरकार और पुलिस पर जिम्मेदारी नहीं डाल सकते, कि बच्चे नहीं सुनते।’’ गृह विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सावंत ने कहा था कि अपने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना माता-पिता की जिम्मेदारी है और उन्हें अपने बच्चों खासतौर से नाबालिगों को रात-रात भर बाहर नहीं रहने देना चाहिए।
मुख्यमंत्री पर हमलावर विपक्ष के नेता
वहीं कांग्रेस की गोवा इकाई के प्रवक्ता अल्टोन डी’कोस्टा ने गुरुवार को कहा कि तटीय राज्य में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है। उन्होंने कहा कि रात में बाहर घूमते हुए हमें क्यों डरना चाहिए ? अपराधियों को जेल में होना चाहिए और कानून का पालन करने वाले नागरिकों को बाहर आजादी से घूमना चाहिए।’’
गोवा फॉरवर्ड पार्टी के विधायक विजय सरदेसाई ने कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नागरिकों की सुरक्षा पुलिस तथा राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। अगर वह हमें सुरक्षा नहीं दे सकते तो मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है।’’
निर्दलीय विधायक रोहन खोंटे ने भी ट्वीट किया और कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि गोवा के मुख्यमंत्री यह दावा करते हुए रात में बच्चों को बाहर जाने देने के लिए माता-पिता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं कि रात को बाहर जाना सुरक्षित नहीं है। अगर राज्य सरकार हमारी सुरक्षा का आश्वासन नहीं दे सकती तो कौन दे सकता है? गोवा का महिलाओं के लिए सुरक्षित होने का इतिहास रहा है लेकिन भाजपा की सरकार में यह तमगा खो रहा है।’’
सावंत ने सदन में कहा था, ‘‘हम सीधे तौर पर पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हैं लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि एक पार्टी के लिए समुद्र तट पर गए 10 युवाओं में चार पूरी रात वहां रुकते है और बाकी के छह घर चले जाते हैं। दो लड़के तथा दो लड़कियां पूरी रात वहां रहे।’’
गौरतलब है कि रविवार को चार लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बताकर दोनों लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया। चारों आरोपियों में से एक सरकारी कर्मचारी है। सावंत ने विधानसभा में बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके नाम आसिफ हतेली, राजेश माणे, गजानंद चिनचिंकर और नितिन यब्बल हैं।