बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि सभी को संविधान के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए। श्री कुमार ने यहां बिहार विधानमंडल के विस्तारित भवन के तहत ‘सेंट्रल हॉल’ का उद्घाटन करने के बाद ‘भारतीय संविधान में विधायिका की भूमिका’ विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि संविधान में कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका अधिकार एवं कर्तव्य का उल्लेख किया गया है। उन्हें अपनी जवाबदेही का निर्वहन करना होता है। विधायिका को नियम बनाने हैं तो, कार्यपालिका को उसका अनुपालन करना है और न्यायपालिका को कानून की व्याख्या करनी है। अपने-अपने विचार एवं कार्यक्रम के अनुसार राजनीतिक पार्टियां भी देश के लिए काम करती हैं। उन्होंने कहा कि हम सबकी संविधान के प्रति प्रतिबद्धता होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ही सबकुछ है। उसके अनुपालन से ही देश में सारी चीजें हो रही हैं। संविधान में मौलिक अधिकार, संप्रभुता, नीति निर्देशक तत्व, धर्म निरपेक्षता, फेडरलिज्म जैसी मौलिक चीजों की विस्तृत चर्चा है। उन्होंने कहा कि नीति निर्देशक तत्वों के प्रावधानों का पालन करते हुये ही बिहार में वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू की गई। संविधान का ढांचा इस तरह से तैयार किया गया है कि देश का संघात्मक ढांचा बना रहे। केंद, को भी अधिकार दिए गए हैं और राज्य को भी। फेडरलिज्म जितना मजबूत होगा देश उतना ही मजबूत होगा और देश आगे बढ़गा। उन्होंने कहा कि संविधान में राज्यों की स्वायत्तता का ख्याल रखा गया है और केंद, की भी अपनी जिम्मेवारियां हैं।