देश में कोरोना वायरस महामारी का खतरा फिलहाल कम हो गया है, लेकिन इसका प्रकोप अभी भी थमा नहीं है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि उसे कोविड- 19 महामारी की तीसरी लहर की आशंका नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उसका टीकाकरण अभियान अच्छा चल रहा है।
अब तक 42 लाख से ज्यादा लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है जबकि 82 लाख से ज्यादा लोगों ने टीके की पहली डोज लगवा ली है। बीएमसी के वकील अनिल सखरे ने अदालत को बताया कि पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े 2,586 लोगों का पूर्ण टीकाकरण हो गया है, जबकि ऐसे 3,942 लोगों को टीके की पहली डोज लगी है।
तीसरी लहर आती नहीं दिख रही है- बीएमसी
सखारे ने कहा, ‘‘काम चल रहा है और बहुत ही सहजता से चल रहा है। अब टीकों की भी कोई कमी नहीं है। मुंबई सुरक्षित है। हमें (कोरोना वायरस संक्रमण की) तीसरी लहर आती दिख नहीं रही है।’’ मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी. एस. कुलकर्णी की खंडपीठ वकीलों ध्रुति कपाड़िया और कुणाल तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
जनहित याचिका में अनुरोध किया गया था कि 75 साल से ज्यादा आयु के वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों और पूरी तरह से बिस्तर पर पड़े लोगों का घर-घर जाकर टीकाकरण करने का निर्देश केन्द्र और महाराष्ट्र सरकारों को दिया जाए। याचिका में कहा गया था कि ऐसे लोग घरों से बाहर निकल कर टीकाकरण केन्द्रों तक जाने की स्थिति में नहीं हैं।
घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण को केंद्र की मंजूरी-
केन्द्र सरकार ने पहले कहा था कि वह घर-घर जाकर लोगों का टीकाकरण नहीं कर सकेगा लेकिन पिछले महीने उसने इसे मंजूरी दे दी। महाराष्ट्र सरकार ने अगस्त में कहा कि वह अभियान शुरू करेगा और पायलट परियोजना के तहत बिस्तर पर पड़े लोगों का घर-घर जाकर टीकाकरण शुरू किया।
सोमवार को कपाड़िया न पीठ से कहा कि यह याचिका दायर करने का उद्देश्य पूरा हो गया है। केन्द्र ने भी ऐसे व्यक्तियों के लिए घर घर जाकर उनका टीकाकरण करने की नीति तैयार कर ली है। इसके बाद, न्यायालय ने जनहित याचिका का निस्तारण कर दिया और कहा, ‘‘हमें खुशीह कि अब ये लोग भी कोविड-19 के टीके से वंचित नहीं हैं।