नकदी संकट से जूझ रहे यस बैंक में भगवान जगन्नाथ के नाम जमा 545 करोड़ रुपये के सावधि पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं। इस बीच, ओडिशा में विपक्षी कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मामले में स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है।
विपक्षी पार्टी ने कहा कि कानून मंत्री प्रताप जेना द्वारा दिए गए बयान में मार्च महीने के अंत तक भगवान के पैसे को राष्ट्रीयकृत बैंक में स्थानांतरित करने की घोषणा पर्याप्त नहीं है।
कांग्रेस नेता नरसिंह मिश्रा ने पत्रकारों से कहा, ‘‘यह मामला चिंता का विषय है क्योंकि पूरे देश के लाखों भक्तों की भावना इससे जुड़ी है, इसलिए मुख्यमंत्री को आगे आकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
मिश्रा ने कहा कि पटनायक ने लोगों को आश्वस्त नहीं किया है कि भगवान का पैसा निजी बैंक में सुरक्षित है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को लोगों को बताना चाहिए कि कैसे भगवान का पैसा नियमों को ताक पर रखकर निजी बैंक में जमा कराया गया।’’
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय महापात्रा ने भी संकटग्रस्त बैंक से भगवान के पैसे की वापसी को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि भगवान जगन्नाथ का पैसा एक ही निजी बैंक में रखा गया।
महापात्रा ने कहा कि नियमावली के तहत मंदिर का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक की स्थानीय शाखा में जमा कराया जाना चाहिए।
इस बीच, पुरी के संगठन श्री जगन्नाथ सेना ने शनिवार को प्रदर्शन किया और सतर्कता विभाग के हस्तक्षेप की मांग की। संगठन ने पुरी के सतर्कता प्रकोष्ठ के उप अधीक्षक के समक्ष शिकायत भी दर्ज कराई।