ऋषिकेश : राम मंदिर निर्माण में हो रही बाधा के रहस्य से अब पूरी तरह पर्दा हट चुका है। जिसमें सबसे बड़ी अवरोधक कांग्रेस पार्टी है। यह आरोप केंद्रीय पूर्व गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने सोमवार को माया कुंड स्थित भगवान गिरी आश्रम में मंहत भूपेन्द्र गिरि की अध्यक्षता मे मकर सक्रांति के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता व बाबरी एक्शन कमेटी के वकील कपिल सिब्बल द्वारा उच्च न्यायालय में चल रही राम मंदिर के निर्माण की सुनवाई को वर्ष 2019 के चुनाव के बाद जाने किये जाने की कि गई अपील सहित बार-बार तारीखो के आगे किये जाने ने भी से साबित कर दिया है कि कांग्रेस अयोध्या में राम के मंदिर के निर्माण को नहीं चाहती है और उसी के चलते राम मंदिर के निर्माण में लगातार न्यायालय में देरी हो रही है।
उन्होंने कहा कि कपिल सिब्बल वही वकील है, जिन्होंने राम के संम्बन्ध में उनके अस्तित्व के बारे में भी न्यायालय में अपील की है कि राम का अस्तित्व है कि नहीं। इस अवसर पर मंहत भूपेन्द्र गिरि, संजय शास्त्री, विनोद शर्मा, परिक्षित मेहरा, जतिन विरमानी, सोनू, गोपाल आदि भी उपस्थित थे।
सवा सौ करोड़ जनता में पनप रहा है गुस्सा
स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि राम मंदिर की सुनवाई कर रही, पीठ पर भी अब तो सवालिया निशान लगा दिया गया है जो कि चिंता का विषय है। जबकि अयोध्या में राम मंदिर होने के सभी प्रमाण प्राप्त हो चुके हैं उसके बावजूद भी मंदिर के निर्माण को रोका जाना एक षड्यंत्र से कम नहीं है।
जिसके कारण देश की सवा सौ करोड़ जनता में राम मंदिर के निर्माण को लेकर गुस्सा पनप रहा है, जो कि देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि पीठ में चयन किए गये यू यू ललित जोकि वरिष्ठ जजों की श्रेणी में भी आते हैं और उन्होंने पीठ से इस्तीफा देकर राम मंदिर के निर्माण में आने वाली बाधा के समाधान करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
स्वामी चिन्मयानंद ने उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दृष्टि से किए गए बसपा व सपा के गठबंधन को भी बेमेल खिचड़ी बताते हुए कहा कि यह भी राम मंदिर के निर्माण में बाधा उत्पन्न किए जाने का ही प्रयास है। लेकिन राम मंदिर का निर्माण देर सवेर होकर ही रहेगा।