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केंद्रीय पूल के लिए छत्तीसगढ़ से चावल खरीदने के मामले में कांग्रेस ने केंद्र सरकार की आलोचना की

केंद्र पर किसानों के प्रति ‘‘उदासीनता’’ बरतने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि भारतीय खाद्य निगम की छत्तीसगढ़ इकाई चावल के स्टॉक नहीं उठा रही है और पूछा कि क्या खरीदारी इसलिए रोकी गई है।

केंद्र पर किसानों के प्रति ‘‘उदासीनता’’ बरतने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने रविवार को कहा कि भारतीय खाद्य निगम की छत्तीसगढ़ इकाई चावल के स्टॉक नहीं उठा रही है और पूछा कि क्या खरीदारी इसलिए रोकी गई है कि सरकार के ‘‘सूट बूट वाले दोस्त’’ राज्य में भंडारण के प्रबंधन में शामिल नहीं हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि खरीफ मौसम के लिए केंद्रीय पूल के तहत भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा 60 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद के बारे में पूर्व जानकारी दी गई थी, इसके बावजूद छत्तीसगढ़ को अंतिम मंजूरी नहीं मिली है।
छत्तीसगढ़ सरकार ने एक दिसंबर को खरीदारी शुरू की और अभी तक 12 लाख किसानों से 47 लाख टन खरीद चुकी है लेकिन कई आग्रह के बावजूद राज्य को भारत सरकार से मंजूरी नहीं मिली है। वल्लभ ने कहा कि इससे करीब 21.52 लाख किसानों पर असर होगा। उन्होंने कहा कि एफसीआई द्वारा स्टॉक नहीं उठाने से धान के भंडारण के लिए जगह भी नहीं बची है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह किसानों के प्रति पूरी तरह उदासीनता का मामला है जो अपने अधिकारों और अपने गौरव की रक्षा के लिए के लिए लड़ रहे हैं। लेकिन लगता है कि सरकार अपने दोस्तों की जेब भरने में लगी हुई है। सरकार ऐसे समय में पूर्व सूचना के मुताबिक खरीदारी नहीं करना चाहती है जब प्रदर्शन चल रहे हैं तो फिर ये सब खत्म होने के बाद हम सरकार से क्या उम्मीद कर सकते हैं?’’ वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस के पास सवाल हैं जिसके जवाब केंद्र को देने चाहिए।
उन्होंने सरकार से अपील की कि प्रदर्शनकारी किसानों से सहानुभूति दिखाएं, तीनों कृषि कानूनों को वापस लें और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी दे।

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