मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान भारतीय जनता पार्टी के दो विधायकों के कांग्रेस सरकार के पक्ष में खड़ होने के बाद आज दावा किया कि कांग्रेस को अभी खुश होने की जरुरत नहीं है। श्री भार्गव ने आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि कल विधानसभा में हुआ घटनाक्रम विश्वासमत नहीं था।
विधायकों की संख्या की प्रामाणिकता तभी होती, जब सरकार विश्वासमत के लिए मतदान कराती। उसके बाद भाजपा व्हिप जारी करती। कल जो हुआ, वो बच्चों जैसा नाटक हुआ, जिसका कोई महत्व नहीं है। कांग्रेस पार्टी को अभी खुश होने की जरुरत नहीं है। भाजपा के दो विधायकों के कांग्रेस के समर्थन में जाने से जुड़ सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी उनसे बात होनी है। अभी कुछ तय नहीं हुआ है।
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विधायकों को क्या आश्वासन दिया गया है, इस पर भी चर्चा होगी। उन्होंने दावा किया कि पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है और समय आने पर इसे साबित भी कर दिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में श्री भार्गव ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की आलाकमान से चर्चा हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने ये भी कहा कि कल के घटनाक्रम में कांग्रेस अकेली दौड़ और अव्वल आई।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ, जब विपक्ष ने विधेयक पर समर्थन की बात की और सरकार के मंत्रियों ने ही उस पर मत विभाजन पर जोर दिया। एक सवाल के जवाब में श्री भार्गव ने कहा कि भाजपा विश्वास की राजनीति करती है और अपने विधायकों की जासूसी नहीं करती।