गोवा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार को विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्यपाल मृदुला सिन्हा के अभिभाषण का बहिष्कार किया। विपक्षी दल के सदस्यों ने विरोधस्वरूप अपनी बाहों पर काली पट्टी बांध रखी थी। विपक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार उनकी आवाज को नहीं सुन रही है।
मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राज्यपाल सदस्यों को संबोधित करने के लिए उठीं, तभी विपक्ष के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने व्यवस्था का प्रश्न उठाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा को सदन को संबोधित करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए क्योंकि ‘‘विपक्ष की आवाज सरकार द्वारा नहीं सुनी जा रही है।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पिछले हफ्ते मांग की थी कि वर्तमान सत्र को निर्धारित तीन दिन से बढ़ाकर 10 दिन का किया जाए, जिसे राज्य सरकार द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। कावलेकर ने आगे कहा कि राज्यपाल मृदुला सिन्हा को पहले सरकार और ‘‘ध्वस्त’’ प्रशासन के मुद्दे पर बात करनी चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत ने व्यवस्था के प्रश्न को स्वीकार नहीं किया और राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने अपना संबोधन जारी रखा। इसके बाद कांग्रेस के सभी सदस्यों ने सदन से बहिर्ममन किया। मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर उस समय सदन में मौजूद थे।