मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव लगभग एक साल बाद है, मगर कांग्रेस ने अभी से जमीनी जमावट के साथ मुद्दे तैयार करने की कवायद तेज कर दी है। कांग्रेस अगला चुनाव पूरी तरह कमल नाथ बनाम शिवराज बनाने में जुट गई है। राज्य में कांग्रेस को वर्ष 2018 में भाजपा के मुकाबले बढ़त हासिल हुई और सरकार भी बनी मगर आपसी खींचतान के चलते सरकार महज 15 माह ही चल पाई। उसके बाद भाजपा ने सत्ता संभाली और एक बार फिर मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह चौहान ने कमान संभाली। कांग्रेस जब से सत्ता से बाहर हुई है वह 15 माह बनाम 15 साल को हवा देने में लगी हुई है।
वही, अभी हाल ही में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में मिली सफलता से कांग्रेस उत्साहित है और उसने विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कमलनाथ को पूरी तरह आगे रखने का मन बना लिया है। यही कारण है कि कांग्रेस के नेता कमलनाथ के 15 माह के शासनकाल में लिए गए फैसलों की चर्चा करते नहीं थकते और उसके मुकाबले शिवराज के 15 साल के शासनकाल पर हमले बोलते हैं।
बीजेपी के लिए कांग्रेस ने तैयार किया खास प्लान
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी आगामी समय में कमल नाथ सरकार के कार्यकाल में लिए गए फैसलों और जनता को मुहैया कराई गई सुविधाओं पर खास जोर देगी। किसान कर्ज माफी, बिजली का बिल और मिलावटखोरों के खिलाफ चलाए गए अभियान को लेकर पार्टी जनता के बीच जाएगी। वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों को एक-एक कर गिनाया जाएगा।
इसी के साथ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ खुद मानते हैं कि उनके लिए बड़ी चुनौती भाजपा का संगठन है लिहाजा पार्टी ने पूरी तरह सरकार को घेरने की योजना बनाई है और उसी पर आगे आने वाले दिनों में पार्टी बढ़ेगी, वहीं कांग्रेस को यह भरोसा है कि कमलनाथ की 15 माह की सरकार ने जो काम किए गए थे उसका जनता पर सकारात्मक असर था और अगर उसे प्रचारित किया जाए तो अगले विधानसभा चुनाव में लाभ मिल सकता है। यही कारण है कि पार्टी आगे बढ़ रही है। कांग्रेस को साथ में यह भी ध्यान रखना हेागा कि उसका मुकाबला भाजपा से है, जिसका संगठन गांव-गांव और घर-घर तक पहुंच रखता है।