कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन से पार्टी नेताओं में शोक की लहर है। दिग्गज नेता का अंतिम संस्कार गुजरात के भरूच जिले में उनके पैतृक गांव पीरामन में किया जाएगा। कोरोना संक्रमित होने के बाद से वह कई दिनों से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। 71 वर्षीय पटेल को कांग्रेस का संकटमोचन माना जाता था।
कांग्रेस के वर्षों तक रणनीतिकार रहे पटेल (71) का बुधवार को निधन हो गया। वह कुछ हफ्ते पहले कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे और उपचार के दौरान उनके कई अंगों ने काम करना बंद दिया था। पटेल के निधन की खबर मिलने के बाद पीरामन गांव के निवासियों ने स्थान के विकास में उनके योगदान को याद किया और कुछ ने कहा कि वह उनके लिए ‘‘पिता तुल्य’’ थे। यह गांव अंकलेश्वर तालुका में पड़ता है।
पटेल ने माता-पिता की कब्र के पास ही अंतिम संस्कार की जताई थी इच्छा
पटेल ने इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार भरूच के पीरामन गांव में उनके माता-पिता की कब्र के पास ही किया जाए। वह अपने गांव से बहुत जुड़े हुए थे और अकसर यहां आते थे। पटेल अपने माता-पिता के बेहद करीब थे, खासकर अपनी मां से और जब भी पीरामन आते थे तो काफी समय तक मां की कब्र के पास बैठे रहते थे।
निधन से दुखी स्थानीय लोगों ने किया पटेल के योगदान को याद
पटेल के निधन की खबर मिलने के बाद पीरामन गांव के निवासियों ने स्थान के विकास में उनके योगदान को याद किया और कुछ ने कहा कि वह उनके लिए ‘‘पिता तुल्य’’ थे। स्थानीय निवासी सुलेमान पटेल ने कहा कि कांग्रेस नेता के निधन की खबर से पूरा गांव दुखी है। उन्होंने कहा, ‘‘वह मेरे पिता की तरह थे। पूरा गांव दुखी है।’’ एक अन्य ग्रामीण गणेशभाई ने कहा कि अहमद पटेल के निधन की खबर सुनकर वह दुखी हैं।
कोरोना प्रोटोकॉल के मुताबिक होगा अंतिम संस्कार
पटेल के पार्थिव शरीर को आज शाम तक उनके पैतृक गांव में लाया जाएगा और अंतिम संस्कार गुरुवार को होने की संभावना है। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन होगा