देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर काफी माथापच्ची का दौर चल रहा है। ऐसे में कांग्रेस के दिग्गज नेता वी. एम. सुधीरन ने पार्टी आला कमान से अनुरोध किया है कि वह केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए 1991 से अपनी आर्थिक नीतियों पर ‘ईमानदारी से गहन मंथन’ करें। उन्होंने भाजपा सरकार पर देश की बहुमूल्य संपत्ति बेचने का आरोप लगाया।
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सुधीरन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केन्द्र की छह लाख करोड़ रुपए की लागत वाली राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) योजना की आलोचना का जिक्र किया है। सुधीरन ने इस बात पर दुख जताया है कि भाजपा के नेता यह प्रचार कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को राजग सरकार की इन नीतियों का विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि वे सिर्फ उन्हीं नव-उदारवादी नीतियों का पालन कर रहे हैं जिन पर कांग्रेस 1991 से चलती आयी है।
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष सुधीरन ने कहा कि लोगों का विश्वास जीतने के लिए पार्टी को ‘‘नेहरू-इंदिरा की आर्थिक नीतियों से भटकाव और अतीत में हुई गलतियों को हमें स्वीकार करना होगा और उनमें आवश्यक सुधार करना होगा।’’ आठ सितंबर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, ‘‘अब वक्त आ गया है और यही सही समय है, जब कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनों, अभियानों और विरोध का आयोजन करना होगा, समान विचार रखने वाले अन्य राजनीतिक दलों और नागरिक समाज को साथ लाना होगा, ताकि नरेंद्र मोदी सरकार की राष्ट्र-विरोधी, जन-विरोधी नीतियों और कार्यक्रमों का विरोध किया जा सके।’’
अनुभवी नेता ने कहा, ‘‘गरीबों के हित में, मध्यम वर्ग के हित वाली सामाजिक-आर्थिक नीतियों को अपनाने पर ही हमारी पार्टी मजबूत होगी और देश तथा जनता के मुद्दे उठाने से ही कांग्रेस की साख बढ़ेगी।’’ भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सुधीरन ने कहा कि वह आर्थिक और सामाजिक, दोनों ही क्षेत्र में ‘‘विध्वंसक नीतियों’’ को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘और अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इन नीतियों का जवाब दे सकती है तो वह सिर्फ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) ही है।’’
पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सुधीरन ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा केन्द्र की छह लाख करोड़ रुपए की लागत वाली राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) योजना की आलोचना का जिक्र किया है। सुधीरन ने इस बात पर दुख जताया है कि भाजपा के नेता यह प्रचार कर रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी को राजग सरकार की इन नीतियों का विरोध करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि वे सिर्फ उन्हीं नव-उदारवादी नीतियों का पालन कर रहे हैं जिन पर कांग्रेस 1991 से चलती आयी है।
केरल प्रदेश कांग्रेस समिति के पूर्व अध्यक्ष सुधीरन ने कहा कि लोगों का विश्वास जीतने के लिए पार्टी को ‘‘नेहरू-इंदिरा की आर्थिक नीतियों से भटकाव और अतीत में हुई गलतियों को हमें स्वीकार करना होगा और उनमें आवश्यक सुधार करना होगा।’’ आठ सितंबर को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है, ‘‘अब वक्त आ गया है और यही सही समय है, जब कांग्रेस पार्टी को आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शनों, अभियानों और विरोध का आयोजन करना होगा, समान विचार रखने वाले अन्य राजनीतिक दलों और नागरिक समाज को साथ लाना होगा, ताकि नरेंद्र मोदी सरकार की राष्ट्र-विरोधी, जन-विरोधी नीतियों और कार्यक्रमों का विरोध किया जा सके।’’
अनुभवी नेता ने कहा, ‘‘गरीबों के हित में, मध्यम वर्ग के हित वाली सामाजिक-आर्थिक नीतियों को अपनाने पर ही हमारी पार्टी मजबूत होगी और देश तथा जनता के मुद्दे उठाने से ही कांग्रेस की साख बढ़ेगी।’’ भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए सुधीरन ने कहा कि वह आर्थिक और सामाजिक, दोनों ही क्षेत्र में ‘‘विध्वंसक नीतियों’’ को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘और अगर कोई पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर इन नीतियों का जवाब दे सकती है तो वह सिर्फ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस) ही है।’’