मेघालय में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करने में नाकाम रही है, शिशु एवं मातृ मृत्यु दर सूचकांक के मामले में राज्य का प्रदर्शन बहुत खराब है। बता दें कि कांग्रेस कमेटी की सदस्या बबीता शर्मा ने कहा कि एनपीपी पार्टी मेघालय की जनता को स्वास्थ्य सेवा बेहतर नहीं दे पाई है, उन्होंने शिक्षा के मुद्दे पर भी सवाल खड़े किए है। शर्मा ने कहा महिलाओं को सुरक्षा देने में मेघायल सरकार नाकाम रही है।दरअसल 27 फरवरी को मेघालय में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की जाएगी,जिसको लेकर हर कोई पार्टी एक दूसरे पर वार पलटवार कर रही है।
अपने संबोधन के दौरान क्या बोली बबीता शर्मा
चुनावी राज्य में बृहस्पतिवार को संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की मीडिया समन्वयक बबीता शर्मा ने कहा कि एनपीपी ने 2018 के चुनावी घोषणापत्र में मेघालय में महिलाओं को सशक्त करने का वादा किया था लेकिन आंकड़े हमें कोई और ही कहानी बयां करते हैं।
बच्चों नहीं मिल पा रहा समय पर टीकाकरण
उन्होंने कहा, राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5 : 2019-20) में राज्य में स्वास्थ्य प्रणाली की स्थिति का खुलासा हुआ है। 12 महीने से कम उम्र के सिर्फ 26 प्रतिशत बच्चों को ही टीकाकरण मिल पाता है। उन्होंने कहा कि मातृ मृत्यु दर भी प्रति 100,000 पर 197 है और शिशु मृत्यु दर प्रति 1,000 शिशुओं के जन्म पर 34 प्रतिशत है।
शिक्षा में नहीं हुआ कोई सुधार
शर्मा ने कहा कि कोनराड संगमा के नेतृत्व वाली सरकार ने घोषणा की थी कि वह स्कूल छोड़ने की दर को कम करने के लिए कदम उठाएगी, लेकिन मेघालय के लिए 2019-20 में सकल नामांकन अनुपात बताता है कि राज्य सूची में अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर जैसे अन्य पूर्वोत्तर प्रदेशों से पीछे है।
महिलाओं को सुरक्षा देने में रही नाकाम साबित
एआईसीसी नेता ने सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मेघालय महिलाओं के खिलाफ अपराध को कम करने में भी नाकाम रहा है। मेघालय में 27 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं और मतों की गिनती दो मार्च को होगी।