भाजपा की आलोचना पर पटलवार करते हुए कांग्रेस ने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता पर भगवा दल का चयनात्मक आक्रोश शर्मनाक है और रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक के खिलाफ मामले में कानून अपना काम करेगा।
कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, ‘‘मैं हैरान हूं कि सरकार में बैठे लोगों का आक्रोश बहुत चयनात्मक है। जब उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बच्चों के नमक-रोटी खाने की खबर प्रकाशित करने पर एक पत्रकार को महीनों जेल में डाल दिया जाता है, जब पत्रकारों को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है तो यह आक्रोश क्यों नहीं दिखता?’’
उन्होंने कहा, ‘वाराणसी के एक गांव में दयनीय स्थिति का खुलासा करने वाली (स्क्रोल की) पत्रकार सुप्रिया शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है, जब पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया जाता है तो भाजपा क्यों चयनात्मक रूप से चुप रहती है? ‘
उन्होंने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में पीपीई किट घोटाले का पर्दाफाश करने वाले रिपोर्टर को जेल में डाल दिया जाता है और वह राजद्रोह के गंभीर आरोप का सामना करते हैं, न कि घोटाले के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होती है।’श्रीनेत ने पत्रकारों से कहा, ‘यह चयनात्मक आक्रोश अवांछित है, शर्मनाक है और उन्हें (भाजपा को) कुछ भी कहने में शर्म आनी चाहिए।’
उन्होंने गोस्वामी पर हमला करते हुए कहा कि वह खुद दो दशक तक पत्रकार रही हैं और आरोप लगाया कि गोस्वामी ने पत्रकारिता का ‘अपमान’ किया है और ‘शर्मिंदा’ किया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘ भाजपा प्रेस की स्वतंत्रता के बारे में बात करने वाली देश में आखिरी पार्टी होनी चाहिए।’’ श्रीनेत ने आरोप लगाया कि भगवा दल मीडिया को विज्ञापन और ‘डराने-धमकाने’ के जरिए नियंत्रित कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘जहां भी कांग्रेस की सरकार है या हम गठबंधन में हैं, वहां अगर लोग पूरी तरह से बेगुनाह हैं तो उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा। मेरा मानना है कि इस मामले में भी कानून अपना काम करेगा।,