देशभर में पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को ओडिशा बंद का आह्वान किया है। कांग्रेस के इस बंद का असर राज्य में काफी देखा जा रहा है, जिसके चलते आम लोगों के सामान्य कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसके साथ ओडिसा की बिगड़ती कानून-व्यवस्था को भी कांग्रेस ने इस बंद में एक मुद्दा बनाकर पेश किया है।
कांग्रेस के 6 घंटे (सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक) बंद के दौरान राज्य के कई हिस्सों में वाहनों का आवागमन बाधित हो गया। शैक्षणिक संस्थानों के अलावा राज्य में दुकानें और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बंद रहे। वहीं, राजधानी भुवनेश्वर में, विधायक सुरा राउत्रे के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने रेलवे स्टेशन पर रेल रोकी। इस बंद के चलते राष्ट्रीय राजमार्ग-16 पर सैकड़ों बसें और भारी वाहन खड़े हैं। रेलवे स्टेशन और बस स्टॉप पर यात्री फंसे देखे गए।
हालांकि, एम्बुलेंस, मिल्क वैन और मैरिज पार्टी वाहनों सहित आपातकालीन वाहनों को बंद से छूट की अनुमति दी गई है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा, केंद्र और राज्य सरकार पेट्रोल और डीजल पर अनुचित टैक्स लगा रही है, जिससे उनकी कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो रही है। इससे अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग की दुर्दशा पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, मैं ओडिशा के लोगों को प्रदेश बंद का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं।राज्य के परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहेरा ने भी कहा कि ईंधन की बढ़ती कीमतें आम लोगों को प्रभावित कर रही हैं। मंत्री ने कहा, ईंधन की बढ़ती कीमत के कारण परिवहन सहित कई क्षेत्रों पर असर पड़ा है। इसके अलावा, यह आवश्यक वस्तुओं की कीमत को प्रभावित करेगा।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद की आलोचना की है। भाजपा विधायक बिष्णु चरण सेठी ने कहा, कांग्रेस पार्टी राज्य में अपना अस्तित्व बचाने के लिए बंद का आयोजन कर रही है। कच्चा तेल अन्य देशों से आयात किया जाता है। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के बाद ईंधन की कीमत भी घट जाएगी।