युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को कई स्थानों पर काले झंडे दिखाए। वहीं, इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया कि वाम नेता को शारीरिक क्षति पहुंचाने की कोशिश की गई।
मुख्यमंत्री की सुरक्षा में कथित तौर पर सेंध लगाते हुए युवा कांग्रेस का एक कार्यकर्ता थ्रिक्काकारा में उनके वाहन के सामने कूद गया और उस ओर बढ़ा जिस तरफ वाहन में विजयन बैठे थे।
पुलिस ने बताया कि इस मामले में युवा कांग्रेस कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया गया है और पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘शहर के भीतर कई स्थानों पर विरोध में काले झंडे लहराए गए। हालांकि , थ्रिक्काकारा में एक व्यक्ति भीड़ से मुख्यमंत्री के काफिले के सामने आ गया। वह मुख्यमंत्री की कार के करीब पहुंच गया। इस घटना की जांच शुरू कर दी गई है।’’
युवा कांग्रेस कार्यकर्ता राजनयिक माध्यम से सोने की तस्करी के खिलाफ किए जा रहे प्रदर्शन के तहत मुख्यमंत्री का विरोध कर रहे हैं।
इस बीच, थ्रिक्काकारा की घटना की सत्तारूढ़ माकपा ने निंदा की है। माकपा के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने यहां जारी बयान में कहा कि कांग्रेस इस तरह की हरकत कर रही है क्योंकि वह सामान्य प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त संख्या में कार्यकर्ताओं को जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह घटना साबित करती है कि कांग्रेस ने हिंसा भड़काने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस ने एजेंडा बना लिया है कि मुख्यमंत्री जब भी यात्रा करें उन पर हमला किया जाए। आज एर्णाकुलम में अलप्पुझा के कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा हमला यह साबित करता है। कांग्रेस पार्टी इस तरह के हमलों में संलिप्त है क्योंकि उसे सामान्य प्रदर्शन करने के लिए कार्यकर्ता नहीं मिल रहे हैं।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री पर ‘‘हमले की कोशिश’’ के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की अपील की।
इस बीच, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी.सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
पुलिस के मुताबिक शहर के विभिन्न हिस्सों में काले झंडे लहराने के मामले में युवा कांग्रेस के करीब 10 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराते हुए यातायात बाधित करने का प्रयास किया और सोने की तस्करी के विवाद के सिलसिले में मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की।
हालांकि, मुख्यमंत्री की यात्रा के लिए मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने कार्यकर्ताओं को पकड़ लिया।
सोने की तस्करी के मामले में मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा मुख्यमंत्री और उनके परिवार के खिलाफ गंभीर आरोप लगाने के बाद दक्षिणी राज्य में कुछ सप्ताह पहले काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे।