कांग्रेस ने बिहार के मुजफ्फरपुर और कुछ अन्य जिलों में दिमागी बुखार से बच्चों की मौत को ‘राष्ट्रीय त्रासदी’ करार दिया और आरोप लगाया कि इस स्थिति के केंद्र एवं राज्य सरकार दोनों जिम्मेदार हैं। पार्टी नेता गौरव गोगोई ने यह भी कहा कि पिछले कई वर्षों से एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) से बच्चों की मौत होती आ रही है, लेकिन चिकित्सा सुविधाओं पर पूरा ध्यान नहीं दिया गया।
उन्होंने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूरा देश बिहार में दिमागी बुखार से बच्चों की मौत के कारण दुखी है। प्रभावित परिवारों पर क्या गुजर रही होगी, उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं।’’ गोगोई ने कहा, ‘‘अब तक 150 बच्चों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर जिले में 119 बच्चों की मौत हो गई है। दुखद है कि अस्पतालों में सुविधाएं नहीं है। चिकित्सकों की कमी है।
बिहार में AES से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़ कर 115 हुई
पिछले कई वर्षों से एन्सेफेलाइटिस के कारण बच्चों की होती रही है। फिर भी सुविधाएं नहीं बढ़ाई गईं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रीय त्रासदी है और त्रासदपूर्ण गाथा है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार हैं। अगर हम इस पर आवाज नहीं उठाएंगे तो यह अपने दायित्व से भागना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इस दुखद स्थिति से निपटने की बजाय क्रिकेट मैच का स्कोर पूछ रहे हैं। ऐसा लगता है कि कोई जवाबदेही नहीं है।’’ केंद्र एवं बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘सवाल उठता है कि क्या केंद्र सरकार इस एन्सेफेलाइटिस की समस्या को लेकर गंभीर नहीं है?
मुझे याद है कि पांच साल पहले जब हर्षवर्धन स्वास्थ्य मंत्री थे तो बिहार में 100 बिस्तरों का अस्पताल बनाने का वादा करके आए थे और अब फिर से यही वादा दोहराकर आए हैं। सबकुछ सिर्फ कागज पर हो रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अफसोस की बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो हफ्ते बाद अस्पताल का दौरा किया।’’