देहरादून : कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने राजकीय कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार को सर्वप्रथम अपने सुस्त कैबिनेट मंत्रियों, दर्जा राज्य मन्त्रियों एवं विधायकों को रिटायरमेंट देना चाहिए। उसके बाद सरकारी कर्मचारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट देने पर विचार करना चाहिए। गौरतलब है कि अभी हाल में राज्य के मुख्य सचिव ने सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकरियों एवं विभागाध्यक्षों को पत्र जारी कर 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके निष्क्रिय सरकारी कर्मचारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति को लेकर फरमान जारी किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों से राज्य में सरकारी विभागों में नियुक्ति नहीं हो रही है जबकि प्रदेश के विभिन्न विभागों के हजारों पद रिक्त पड़े हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगार नौजवानो की पीड़ा नही दिखाई देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्रीगणों, दर्जा राज्यमंत्रियों एवं विधायको में से किसी ने भी कभी बेरोजगारों के हितों की बात नही की कांग्रेस प्रवक्ता प्रदीप भट्ट ने कहा कि सरकार पर नोकरशाही हावी है।
शासन में ऐसे कई वरिष्ठ अधिकारी हैं जो जनता के कार्यों को गम्भीरता से नही लेते सरकार को आईएएस, आईपीएस और पीसीएस अधिकारियों की भी कुंडली खंगालनी चाहिए कि वे अपने कार्य को लेकर कितने गम्भीर है। उन्होंने कहा कि ऐसा न हो कि सरकार अनिवार्य रिटायरमेंट सिर्फ छोटे कर्मियों को देकर इतिश्री कर ली जाए। उन्होंने प्रदेश में चल रही ठेकेदारी प्रथा को खत्म करने की मांग की है साथ ही सरकारी विभागों में वर्षों से खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने की अपील की है।