मणिपुर में बीजेपी के तीन विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद राज्य सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। वहीं तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता ओ इबोबी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य में सरकार बनाने की कोशिश कर रही है और जल्द ही एन बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। उन्होंने बुधवार को कहा कि विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा देने वाले बीजेपी के तीन विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
इबोबी ने बताया कि उन्होंने बीजेपी नीत गठबंधन सरकार से इस्तीफा देने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के सभी चारों मंत्रियों से राज्य के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा करने के लिए संपर्क किया। चारों मंत्रियों ने दावा किया कि सरकार उनके और उनकी पार्टी के साथ अच्छा बर्ताव नहीं कर रही थी, इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया।
गलवान घाटी में झड़प पर शिवसेना ने जताई हैरानी, केंद्र से की जानकारी सार्वजानिक करने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी और विधानसभा का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाने के लिए वह विधानसभाध्यक्ष युमनाम खेमचंद सिंह से संपर्क करेंगे। उपमुख्यमंत्री वाई जॉयकुमार सिंह, आदिवासी एवं पर्वतीय क्षेत्र विकास मंत्री एन कायिशी, युवा मामलों और खेल मंत्री लेतपाओ हाओकिप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री एल जयंत कुमार सिंह ने बुधवार को मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया था।
बीजेपी विधायक एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेंदई ने विधानसभा तथा पार्टी से इस्तीफा दे दिया। समर्थन वापस लेने वाले बाकी सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस के विधायक टी रबिंद्र सिंह और निर्दलीय विधायक शहाबुद्दीन शामिल हैं। मुख्यमंत्री के खिलाफ विधायकों की कुल संख्या अब 29 हो गई है जिनमें कांग्रेस के 20, एनपीपी के चार विधायक शामिल हैं।
इसके अलावा बीजेपी छोड़कर आए तीन विधायक, एक तृणमूल विधायक और एक निर्दलीय विधायक भी हैं। बीरेन सिंह का समर्थन कर रहे विधायकों की संख्या 23 है जिनमें बीजेपी के 18 विधायक, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के चार और लोजपा के एक विधायक शामिल हैं। कांग्रेस के सात विधायकों (जो बीजेपी में शामिल हो गए थे) के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष न्यायाधिकरण और मणिपुर हाई कोर्ट में दलबदल-विरोधी कानून के तहत मामले लंबित हैं।
पूर्व उपमुख्यमंत्री जॉयकुमार सिंह ने बुधवार रात मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘इस सरकार ने जिस तरह से हमारी पार्टी, मंत्रियों और मेरे साथ व्यवहार किया है, हमने इस बारे में विस्तार से विचार किया कि पार्टी और हमारे लिए सबसे अच्छा कदम क्या होगा… और 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव सहित अन्य मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, हमने अपना इस्तीफा देने का फैसला किया। ” ‘
यह पूछे जाने पर कि क्या वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे, उन्होंने कहा, “जाहिर है, हम विकल्प की तलाश करेंगे और अविश्वास प्रस्ताव के बाद निश्चित रूप से सरकार बना सकते हैं।” राज्य में राजनीतिक गतिविधियां ऐसे समय हो रही हैं जब 19 जून को प्रदेश की एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होगा। भाजपा और कांग्रेस दोनों ने उच्च सदन की एकमात्र सीट के लिए उम्मीदवार खड़े किए हैं।